नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि कंसल्टेंट्स द्वारा बनाई जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) में गलतियों की वजह से देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 1.5 लाख लोगों की मौत होती है। सिविल इंजीनियरों के राष्ट्रीय सम्मेलन में गडकरी ने कहा कि देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनकी वजह सिर्फ डीपीआर में की जाने वाली गलतियां हैं। इसलिए डीपीआर बनाने में गुणात्मक बदलाव की जरूरत है जिसमें ब्लाइंड स्पाट्स में सुधार पर जोर हो।
भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2020 में कुल 1,20,806 घातक दुर्घटनाओं में से 43,412 राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 30,171 राज्य राजमार्गों पर और 47,223 अन्य सड़कों पर हुईं। सबसे चिंताजनक बात ये है कि इन घातक दुर्घटनाओं में सबसे अधिक युवा चपेट में आए। ऐसे में युवाओं को सड़कों पर संभल कर वाहन चलाने की जरूरत है।
भाजपा के उत्थान में अटल-आडवाणी का योगदान
वहीं, नागपुर में एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि भाजपा के उत्थान के पीछे अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और दीनदयाल उपाध्याय द्वारा किए गए कार्यों का योगदान है। उन्होंने 1980 में भाजपा के मुंबई में हुए सम्मेलन में वायपेयी के भाषण को याद करते हुए कहा, ‘अटल जी ने कहा था, अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा। मैं वहां था। जिसने भी वह भाषण सुना था, उसे विश्वास था कि वह दिन आएगा। अटल जी, आडवाणी जी, दीनदयाल उपाध्याय और कई कार्यकर्ताओं ने ऐसे कार्य किए कि आज हम मोदी जी के नेतृत्व में देश और कई राज्यों में सत्ता में हैं।’