(निज प्रतिनिधि)
पटना। आइजीआइएमएस स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए राज्य सरकार ने 272 पद सृजित किए हैं। इनमें डॉक्टर के लगभग 100 और शेष तकनीकी कर्मचारियों के पद हैं। अत्याधुनिक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में राज्य भर के कैंसर मरीजों का उपचार होगा। एक छत के नीचे ही सर्जरी से लेकर उपचार तक की पूरी व्यवस्था होगी। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बन कर तैयार है। चार मंजिले इस भवन में लगभग 100 बेड भर्ती करने की सुविधा है।
इसमें आइसीयू, एचडीयू सहित पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर के साथ-साथ पैट स्कैन, सिटी स्कैन, एमआरआइ, लीनियर एस्केलेटर, ब्रैकीथिरेपी, रेडियोथिरेपी की भी सुविधा होगी। यह अगले दो-तीन महीने में कार्यरत हो जाएंगे। इससे मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं एक छत के नीचे ही उपलब्ध हो सकेगी। स्टेट कैंसर संस्थान में आधा दर्जन विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। इससे कैंसर के उपचार के लिए राज्य के मरीजों को दूसरे प्रदेश में जाने की जरूरत नहीं होगी।
अस्पताल में क्लीनिकल हीमेटोलॉजी, बोन मैरो प्रत्यारोपण, मेडिकल फिजिक्स, मेडिकल आंकोलॉजी, इमिनो पैथोलॉजी आदि विभागों में सहायक प्राध्यापक से हर वर्ष 30 हजार से अधिक पहुंचते हैं मरीज आइजीआइएमएस के कैंसर विभाग में हर वर्ष 30 हजार नए कैंसर मरीज पहुंचते हैं। लगभग 60 हजार पुराने मरीज फॉलोअप में पहुंचते हैं। रेडिएशन व सर्जरी विभाग में भी काफी मरीज रेडिएशन व सर्जरी के लिए पहुंचते हैं। सरकारी स्तर पर आइजीआइएमएस व एम्स में कैंसर उपचार की बेहतर सुविधा उपलब्ध है।
कोरोना संक्रमण के कारण आइजीआइएमएस को कोविड अस्पताल घोषित होने के कारण कैंसर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संस्थान में लगभग हर महीने तीन-चार हजार मरीज कीमोथिरेपी तथा लगभग एक हजार मरीज रेडिएशन के लिए पहुंचते थे। कोविड अस्पताल होने के कारण सामान्य मरीजों के उपचार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यहां केवल कोविड व ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार किया जा रहा है।