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दिशा रवि की गिरफ्तारी लेकर मचे बवाल पर भड़के गिरिराज, पूछा- देश कानून से चलेगा या उम्र से


नई दिल्ली ‘टूलकिट’ केस (Toolkit Case) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी के बाद से ही देश में सियासत गरमाई हुई है। दिशा रवि की गिरफ्तारी धीरे-धीरे काफी तूल पकड़ती जा रही है। विपक्षी दल लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है और दिशा को छोड़े जाने की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने दिशा रवि का समर्थन करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष पर हमला बोला है।

दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर जारी बवाल पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘देश उम्र से नहीं संविधान से चलता है।’ सिंह ने आगे कहा कि 21 साल के लोग इस देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चुनते हैं। ऐसे में राहुल गांधी का तर्क नादानों वाला है।

दिशा की गिरफ्तारी से गरमाई राजनीतिक दिशा
26 जनवरी को लालकिला कांड और उससे जुड़े तारों को सुलझाने की कड़ी में लगभग रोजाना ही कुछ गिरफ्तारियां हो रही हैं, छापेमारी जारी है। राजनीतिक गलियारों में इन गिरफ्तारियों की आलोचना-समालोचना का दौर भी जारी है। अब तक पकड़े गए कुछ आरोपियों के समर्थन में आंदोलनकारी किसान हैं तो कुछ राजनीतिक दल भी मैदान में खुलकर आए हुए हैं। सबसे ज्यादा मुखालफत इस मामले में गिरफ्तार की गई जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की को लेकर हो रही है। आंदोलनकारी किसान भी उसकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, तो विपक्षी दल भी उसके समर्थन में खड़े हैं। मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग ने भी उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए दिल्ली पुलिस को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

30 मिनट वकील से कर सकेगी बात दिशा
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को टूलकिट मामले में राहत प्रदान की है। अदालत ने दिशा रवि को 15 मिनट के लिए अपनी मां और परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी है। इसके अलावा दिशा 30 मिनट के लिए वकील के साथ कानूनी मुलाक़ात की अनुमति कर सकती है। अदालत ने इसकी अनुमति दी है। दिशा के वकील की याचिका पर अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि हर दिन दिशा 30 मिनट अपने वकील से और 15 मिनट फोन पर परिवार से बात कर सकती हैं। अदालत ने ठंड के कारण उनको गर्म कपड़े देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा घर का खाना, किताबें, रिमांड कॉपी और एफआईआर की कॉपी मुहैया देने के लिए भी कहा गया है। अदालत ने ये निर्देश केवल दिशा की पुलिस रिमांड पर रहने के दौरान दिया है।

देश की राजधानी में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने एक ट्वीट किया था जिसके बाद टूलकिट की चर्चा जोरों से होने लगी थी। इस टूलकिट के जरिए आंदोलन में एक ट्विटर पर एक खास चीज को ट्रेंड कराने में मदद मिलती है। जिसके कारण यह आंदोलन देश-दुनिया की सुर्खियों में आ जाए।