(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य के स्कूल-कॉलेजों में 39 दिनों बाद पढ़ाई की घंटी बजी। विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाओं की पढ़ाई शुरू हुई। कोचिंग संस्थानों में भी कक्षाओं का ऑफलाइन संचालन शुरू हो गया।
प्राइमरी स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर कक्षाओं में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सोमवार से पढ़ाई शुरू हुई है। इसके तहत स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों सहित सभी कोटि के शिक्षण संस्थानों में मास्क में प्रवेश अनिवार्य किया गया है। शिक्षार्थी, शिक्षक और कर्मचारी हर किसी के चेहरे पर मास्क हैं। सेनेटाइजर की व्यवस्था की गयी है। हाथ धोने के भी इंतजाम हैं। 1ली से 8वीं कक्षा तथा कोचिंग संस्थानों के रुटीन 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के हिसाब से बनाये गये हैं। इस हिसाब बच्चे एक दिन बीच कर पढऩे आयेंगे। जो 50 फीसदी बच्चे सोमवार को आये, वे अब बुधवार को आयेंगे। जो 50 फीसदी बच्चे सोमवार को नहीं आये, वे मंगलवार को आयेंगे।
करोड़ों बच्चों को मिलेंगे अनाज पकाने के पैसे भी
पटना (आशिप्र)। राज्य के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त प्राइमरी-मिडिल स्कूलों के 1ली से 8वीं कक्षा के करोड़ों बच्चों को मिड डे मील के अनाज मिलेंगे। उसे पकाने के पैसे भी छात्र-छात्राओं को मिलेंगे। यह राशि छात्र-छात्राओं के खाते में जायेगी। इस बाबत शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (मध्याह्न भोजन) को दिये गये हैं। अनाज कक्षावार तिथि निर्धारित कर बांटे जायेंगे। अनाज बच्चों के अभिभावकों को दिये जायेंगे। अनाज लेने बच्चे नहीं आयेंगे। अनाज एवं उसे पकाने के पैसे जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक के 34 कार्यदिवस के लिए मिलेंगे।
1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 100 ग्राम अनाज की दर से 3.400 किलोग्राम अनाज मिलेंगे। इसी प्रकार 6ठी से 8वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 150 ग्राम अनाज की दर से 5.100 किलोग्राम अनाज मिलेंगे। इसी प्रकार पकाने की राशि 1ली से 5वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 4.97 रुपये की दर से 169 रुपये तथा 6ठी से 8वीं कक्षा के बच्चों को प्रति बच्चा प्रति कार्यदिवस 7.45 रुपये की दर से 253 रुपये मिलेंगे। यह राशि डीबीटी के जरिये बच्चों के खाते में जायेगी। इसके लिए मेधासॉफ्ट में निशान अंकित करने के निर्देश दिये गये हैं।
इसी हिसाब से 1ली से 8वीं कक्षा के साथ ही कोचिंग की पढ़ाई शुरू हुई है। इससे इतर 9वीं कक्षा से लेकर ऊपर तक की तमाम कक्षाएं छात्र-छात्राओं की शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ खोली गयी हैं। नये साल में छात्र-छात्राओं का स्कूल-कॉलेजों पहला दिन था, इसीलिए कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही सही, लेकिन एक-दूसरे को ‘हैप्पी न्यू इयर’ बोलते हुए गर्मजोशी से मिले। हालांकि, उन स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई की घंटी नहीं बजी, जो इंटरमीडिएट परीक्षा केंद्र बने हुए हैं। उन सरकारी स्कूलों में भी कक्षाओं के संचालन पर असर है, जिसके शिक्षक इंटरमीडिएट परीक्षा में वीक्षण कार्य के लिए प्रतिनियोजित किये गये हैं।
स्कूलों से इतर यूनिवर्सिटी-कॉलेजों एवं कोचिंग संस्थानों में छात्र-छात्रा जब आपस में मिले, तो उन्हें स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के चले जाने का गम था। उनकी जुबान पर उन्हीं के चर्चे थे। आपको याद दिला दूं कि स्कूल-कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों के साथ ही शिक्षण प्रशिक्षण तथा कोचिंग संस्थानों में गत 30 दिसंबर के बाद से कक्षाओं के संचालन बंद थे। प्राइमरी स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक में गत 31 दिसंबर को इसलिए छुट्टी थी, क्योंकि उस दिन वर्ष 2021 विदा हो रहा था। उसके अगले दिन एक जनवरी को नये साल 2022 के स्वागत के लिए छुट्टी थी। दो जनवरी को रविवार था। सो, प्राइमरी स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटीज तक तीन जनवरी को खुलने वाले थे। लेकिन, कोरोना की तीसरी लहर से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर खुल नहीं पाये।