पटना (आससे)। निजीकरण के खिलाफ बैंक व डाकघरों का हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रहा। बिहार में दो दिनों के बैंक हड़ताल के कारण करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। बैंक कर्मचारी संघ एवं डाकघर व बैंक के कर्मियों ने आक्रोश प्रकट किया। बैंक कर्मियों ने कहा कि सरकार की निजीकरण की नीतियां आने वाले समय में बैंकर्स के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
आज बैंक कर्मचारी देश की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। निजीकरण के बाद बैंक कर्मचारियों की मेहनत का मुनाफा बैंक मालिकों के हाथ में चला जाएगा। इसका संगठन विरोध कर रहा है। बैंककर्मियों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि बैंक का निजीकरण आने वाले कल के लिए अच्छी पहल नहीं है। बैंक कर्मियों ने बताया कि बैंक के निजीकरण के लिए किए जाने वाले बैंकिंग कानून में संशोधन, प्रतिकूल दिशा में ले जाने वाले बैंकिंग सुविधा का और बैंकों के निजीकरण का विरोध किया जा रहा है। साथ ही हड़तालियों ने कहा कि देश हित और जनता के हित में हमलोग हड़ताल कर रहे हैं।
बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। मार्च का अंतिम सप्ताह होने के कारण व्यापारी भी हलकान रहे। कर्मचारियों ने कहा भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक को निजी क्षेत्र में देने के लिए रास्ता साफ करने हेतु केंद्र सरकार इस तरह का कार्य कर रही है। बैंक कर्मचारियों ने बताया विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की गई थी। वहीं सरकार ने पूर्व में आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर उसका निजी करण कर दिया था। यही स्थिति रही तो बैंकिंग सिस्टम को खतरा हो जायेगा।