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- 1ली से 12वीं कक्षा के सवा दो करोड़ बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी आसान
- केंद्रीय प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखने की तैयारी
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई के लिए लैपटॉप, टैब या स्मार्टफोन मिल सकेगा। इससे सरकारी स्कूलों के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई आसान हो जायेगी। बच्चे आपदा की स्थिति में स्कूलों के बंद रहने पर घर में ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
सरकारी स्कूलों के बच्चों को लैपटॉप, टैब या स्मार्टफोन वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-2022 में ही देने का प्रस्ताव है। बच्चों को लैपटॉप, टैब या स्मार्टफोन में क्या मिलेगा, यह केंद्र सरकार के रुख पर निर्भर करेगा। इसलिए कि, यह सुविधा सरकारी स्कूलों के बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत देने की सिफारिश केंद्र से राज्य सरकार करने वाली है। समग्र शिक्षा अभियान शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना है। हालांकि, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का मन तो बच्चों को लैपटॉप देने का है।
इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड में रखा जायेगा। यह बात राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार इस महीने की सत्रह तारीख को भारत सरकार के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई बैठक में रख चुके हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई उक्त बैठक में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव एवं स्कूली शिक्षा सचिव भी शामिल थे। उसमें कोरोना से उत्पन्न लॉकडाउन के समय में प्रबंधन, डिजिटल शिक्षा तथा नयी शिक्षा नीति, 2020 पर चर्चा हुईं थी।
बैठक में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकारी स्कूलों के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए डिजिटल डिवाइस का प्रावधान समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जाय। इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत 2021-22 के लिए प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड में रखा जायेगा। हालांकि, प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक की तिथि अभी तय नहीं हुई है।
इससे राज्य के 80 हजार सरकारी स्कूलों के तकरीबन दो करोड़ 10 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे। इनमें तकरीबन एक करोड़ 66 लाख बच्चे 1ली से 8वीं कक्षा के होंगे। बाकी 42 लाख बच्चे 9वीं से 12वीं कक्षा के। उल्लेखनीय है कि गत शैक्षणिक सत्र में सुचारू रूप से विद्यालय नहीं चलने के कारण बच्चों में हुई पढाई की क्षति की भरपाई के लिए गत अप्रैल से तीन माह के कैचप कोर्स की सम्पूर्ण तैयारी पूर्ण की गयी।
लेकिन, विद्यालय बंद होने के कारण इसे प्रारंभ नहीं किया जा सका है। फिलहाल कक्षाएं दूरदर्शन तथा ऑनलाइन एप्प के माध्यम से चल रही है, परन्तु बड़ी संख्या में बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण सरकारी स्कूलों के बच्चों के पास डेडिकेटेड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का नहीं होना है।