पैसा एकाउंट में आते ही ऑफ कर लेते थे मोबाइल
पटना (निप्र)। पटना में बैठकर ये दोनों शातिर दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन गैस और सिलेंडर की होम डिलीवरी कराने के नाम पर ठग रहे थे। बिहार की आर्थिक अपराधा शाखा और दिल्ली से आई पुलिस की टीम ने मिलकर पटना में दानापुर इलाके में छापेमारी कर दो साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ा है। पटना में बैठकर ये दोनों शातिर दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन गैस और सिलेंडर की होम डिलीवरी कराने के नाम पर ठग रहे थे।
इसमें एक का नाम किशन कुमार और दूसरे का नाम समीर खान है। ये दोनों तकियापर इलाके के रहने वाले हैं और वहीं से इन्हें पकड़ा गया है। इन शातिरों का यह गोरखधंधा अप्रैल महीने से ही चल रहा था। अब तक 5 लाख से भी अधिक रुपए दोनों शातिरों ने मिलकर दिल्ली के लोगों से ठग लिए हैं। रुपए देने के बाद भी इन लोगों ने कोरोना से संक्रमित मरीजों या उनके परिवार वालों को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराई थी। जिसके बाद इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से की गई थी।
23 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक स्पेशल केस 114/21 दर्ज किया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू की। फिर जैसे ही लीड मिले, वैसे ही दिल्ली साइबर सेल के ज्वाइंट कमिश्नर ने बिहार में इओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान से कांटैक्ट किया। तब जाकर दिल्ली पुलिस की टीम पटना आई। रविवार देर रात दानापुर में ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत छापेमारी हुई और किशन व समीर को पकड़ा गया। इन दोनों के पास से तीन बैंक अकाउंट के पासबुक, एक चेकबुक, तीन एटीएम कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद हुआ है।
कोरोना की दूसरी लहर में आम आदमी ऑक्सीजन, इसके सिलेंडर, रेमडेसिविर सहित कई दूसरे जरूरी चीजों के लिए परेशान है। यह परेशानी अकेले दिल्ली में ही नहीं, बल्कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में चल रही है। महामारी के इस दौरान में साइबर क्रिमिनल्स अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।
इन लोगों ने सभी प्रकार के सोशल साइट्स पर एक मैसेज पोस्ट कर रखा था कि अगर दिल्ली के इंदिरापुरम या किसी दूसरे इलाके में ऑक्सीजन चाहिए तो दिए गए नंबर पर कांटैक्ट करें। परेशान व्यक्ति बगैर वेरिफाई किए इनके नंबर पर कांटैक्ट करता था। फिर उसे बैंक अकाउंट नंबर देकर ये शातिर रुपए डिपॉजिट करवा लेते थे और ऑक्सीजन देते भी नहीं थे। पुलिस ने इन दोनों के पास से तीन बैंक अकाउंट के पासबुक, एक चेकबुक, तीन एटीएम कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया है।
पकड़े गए दोनों शातिर जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे थे वो फर्जी नाम और पते पर लिए गए थे। दिल्ली पुलिस और इओयू की टीम ने जब इस केस में अपनी पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। सिम कार्ड कोलकाता के पते पर खरीदा गया था। नाम भी गलत मिला। पहले इनकी तलाश कोलकाता वाले पते पर ही चल रही थी। जब बाद में शक हुआ तो इनके मोबाइल का टावर लोकेशन निकाला गया, जो बिहार में मिला।
बिहार की इओयू ने हाल के दिनों में नालंदा से 12 और शेखपुरा जिले से 10 साइबर क्रिमिनल्स को छापेमारी करके पकड़ा था। अब जो दानापुर से पकड़े गए हैं, इन सभी का आपस में कनेक्शन था। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान के अनुसार इन सभी साइबर क्रिमिनल्स का आपस में सीधा कनेक्शन है।
ठगी का यह मॉड्यूल झारखंड के देवघर वाला है। इन लोगो का कनेक्शन बिहार-झारखंड के साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के साइबर क्रिमिनल्स के साथ है। यह एक बड़ा नेटवर्क है। इसमें लगातार काम जारी है। इनके कनेक्शन को खंगाला जा रहा है।