पटना

कोरोना पेंसेंट की पत्नी के साथ डॉक्टर ने की अश्लील हरकत


पटना (निप्र)। बिहार में कोरोना से त्राहिमाम मचा है। रोज सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। इसी बीच राजधानी पटना से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने सबको अंदर से झकझोर कर रख दिया है। दरअसल राजेश्वर हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित पति का इलाज करा रही एक महिला ने डॉक्टर और वहां के स्टाफ के ऊपर काफी संगीन आरोप लगाया है।पति की मौत के बाद रोती-बिलखती महिला ने बताया की कि तरह राजेश्वर हॉस्पिटल के डॉक्टर और वार्ड बॉय ने उसके इज्जत के साथ खेलने की कोशिश की।

घटना राजधानी पटना के कंकड़बाग इलाके की है, जहां बहादुरपुर पेट्रोल पंप के पास चित्रगुप्त नगर स्थित राजेश्वर हॉस्पिटल में एक डॉक्टर ने कोरोना पेशेंट की पत्नी के साथ छेडख़ानी की। महिला के साथ उसने गंदे व्यवहार किये। उसे अश्लील इशारा किया और महिला के शरीर को गलत तरीके से टच कर उसकी लज्जा भंग करने की पूरी कोशिश की। इतना ही नहीं डॉक्टर के अलावा वार्ड बॉय ने भी महिला के साथ बदतमीजी की और उसके साथ गंदा बर्ताव किया। वार्ड बॉय ने महिला का दुपट्टा खींचा। उसे अपनी ओर खींचने लगा।

महिला का पति बेड पर से ये सब देखकर तड़पड़ते रह गया। वह असहाय और मजबूर था। महिला चीखने-चिल्लाने लगी। उसकी मां भी वहां मौजूद थी। लेकिन वो बुजुर्ग महिला भी विवश और लाचार थीं। ये घटना मधुबनी के रहने वाले रौशन चंद्र की पत्नी के साथ हुई है। रौशन अब इस दुनियां में नहीं रहें. कोरोना ने उनकी जिंदगी छीन ली।  रौशन की पत्नी बताती हैं कि पति को कोरोना ने नहीं बल्कि सिस्टम ने मारा है।

ये लोग नॉएडा में रहते हैं और होली मनाने अपने रिश्तेदार के पास भागलपुर गए हुए थे। कोरोना संकट के कारण ये दिल्ली नहीं लौट पाएं। इसी बीच 9 अप्रैल को उसी दौरान उनके पति कोरोना के शिकार हो गए और उनके इलाज के लिए भागलपुर के ग्लोकल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां रोज़ वो सिस्टम से संघर्ष करते रहे, लेकिन जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो पीडि़त महिला अपने पति को लेकर पटना चली आईं।

रौशन चंद्र की बिगड़ती हालत को देखते हुए उनकी पत्नी ने उन्हें राजधानी पटना के जाने-माने राजेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां रौशन की पत्नी के साथ जो कुछ हुआ वो हम आपको बता चुके हैं। यह घटना ने सबको झकझोर दिया है। जिस तरीके से इस असहाय महिला के साथ बर्ताव किया गया। वह वाकई हैरान करने वाली बात है। मीडियावालों के सामने चीखती-चिल्लाती हुई इस महिला ने जो कुछ भी बयां किया, उसे सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए।

महिला बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के द्वारा पानी मांगे जाने पर भी कोई कर्मचारी जानबूझ कर पानी नहीं पिलाया करता था। साथ ही महिला ने कहा कि पति के इलाज के दौरान अस्पताल ने रेमेडीसिविर की किल्लत होने के बावजूद उन्हें यह दावा उपलब्ध करवाने को कहा। लेकिन जैसे तैसे जब यह दावा उपलब्ध करवाई गई तो डॉक्टरों ने जानबूझ कर आधा इंजेक्शन जमीन पर गिरा दिया। जब मैंने इसके लिए डॉक्टर को टोका तो डॉक्टर ने धमकी देते हुए कहा कि अगर मैं 50000 हजार की दवाई भी गिरा देता तो तुम कुछ नहीं कर पाती।

पीडि़त महिला ने आगे कहा कि जब उसने अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मी से रात में रुकने के लिए मदद मांगी तो उसने मदद करने का झांसा देते हुए दुपट्टा खींचने की कोशिश की। महिला ने यह भी कहा कि जब उसने अस्पताल के कर्मी की शिकायत दूसरे लोगों से की तो उनलोगों ने भी महिला को आंख निकाल लेने की धमकी दी। महिला ने कहा कि मैं डर के मारे कुछ भी नहीं कर पाई क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो लोग मेरे पति को कुछ ना कर दें।