2री से 10वीं के 1.79 करोड़ बच्चों की पढ़ाई की क्षति की होगी भरपाई
(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में तकरीबन 80 हजार सरकारी स्कूलों के 2री कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक के लगभग एक करोड़ 79 लाख बच्चे कैचअप कोर्स की पढ़ाई करेंगे। कोरोनाकाल में बच्चों को हुई पढ़ाई की क्षति की भरपाई के लिए शिक्षक उन्हें कैचअप कोर्स पढ़ायेंगे। राज्य में 1ली से लेकर 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में चालू अप्रैल माह से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। बच्चे नयी कक्षा में पहुंच गये हैं। लेकिन, कैचअप कोर्स के जरिये तीन माह तक उन्हें पिछली कक्षा के ही पाठ पढ़ाये जायेंगे। इससे कोरोनाकाल के दौरान पिछली कक्षा में हुई पढ़ाई की क्षति की भरपाई तो होगी ही, बच्चे नयी कक्षा के अनुरूप तैयार भी हो जायेंगे।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकान्त शास्त्री ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा माध्यमिक शिक्षा एवं प्रारंभिक शिक्षा व समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने जिले के सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के प्रारंभ के साथ ही 2री से लेकर 10वीं कक्षा में कैचअप कोर्स की पढ़ाई शुरू करायें। इसके लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देश देने को कहा गया है। इसकी हर दिन जिला एवं प्रखंड स्तर पर मॉनीटरिंग होगी।
आपको याद दिला दूं कि कोविड-19 के दौरान बच्चों के सीखने के नुकसान को पाटने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 2री से 10वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के लिए कैचअप कोर्स सामग्री तैयार कर स्कूलों को उपलब्ध करायी गयी थी। इसकी सॉफ्ट कॉपी इ-लॉट्स पोर्टल पर उपलब्ध है। सभी जिलों के 2री से 10वीं कक्षा के शिक्षकों को स्कूलों में कैचअप कोर्स संचालन के लिए ट्रेनिंग भी दी गयी थी। कोरोना की तीसरी लहर के कारण स्कूलों के बंद रहने की वजह से पिछले सत्र के प्रारंभ में कैचअप कोर्स का संचालन नहीं किया जा सका।
अगस्त, 2021 में स्कूलों का संचालन प्रारंभ होने के बाद कैचअप कोर्स की पढ़ाई शुरू हुई। लेकिन, पंचायत चुनाव के कारण इसका सुचारू रूप से स्कूल स्तर पर कार्यान्वयन नहीं हो सका। इसके मद्देनजर बच्चों की उनके अधिगम क्षमता को पाटने के लिए वर्तमान सत्र 2022-23 में कैचअप कोर्स का संचालन किया जा रहा है। कैचअप कोर्स की जद में तकरीन 43 हजार प्राइमरी स्कूल, 29 हजार मिडिल स्कूल एवं नौ हजार से अधिक हाई स्कूल आयेंगे। इनमें 2री से लेकर 10वीं कक्षा तक के बच्चों की संख्या एक करोड़ 79 लाख से अधिक है।