- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से मंगलवार को स्वयं को अलग कर लिया। याचिका में सिंह ने अपने खिलाफ चल रही सभी जांच महाराष्ट्र के बाहर स्थानांतरित करने तथा किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति विनीत शरण तथा न्यायमूर्ति गवई की अवकाश पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए आया। मामले की सुनवाई शुरू होने पर न्यायमूर्ति शरण ने कहा, भाई (न्यायमूर्ति गवई) को इस मामले पर सुनवाई में कुछ परेशानी है। हम कहना चाहते हैं कि इस मामले को किसी अन्य पीठ के पास भेज दिया जाए।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा, इस मामले पर मैं सुनवाई नहीं कर सकता। पीठ ने कहा, किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए जिसमें हम शामिल नहीं हों। सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ जांच पूरी तरह से बदले की भावना से प्रेरित है और उच्चतम न्यायालय तथा बंबई उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है। सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था और महाराष्ट्र राज्य होमगार्ड का जनरल कमांडर बना दिया गया था। गृह मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उन्हें पद से हटाया गया था। बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। आरोपों के बाद देशमुख को भी इस्तीफा देना पड़ा था।