मनेरी रहमतुल्ला अलैह के 661वें उर्स में भाग लेकर की चादरपोशी
बिहारशरीफ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग हजरत शेख शर्फुउद्दीन अहमद यहिया मनेरी रहमतुल्लाह अलैह के 661वें उर्स में भाग लेने के लिए बिहारशरीफ के बड़ी दरगाह पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी दरगाह स्थित मखदूम-ए-जहां के आस्ताने पर जाकर चादरपोशी की एवं नवनिर्मित मुसाफिरखाना का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार की तरक्की एवं अमन चौन की दुआएं मांगी। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रेम एवं भाईचारे का माहौल कायम रहे एवं लोग आपस में मिलकर रहें। अमन के माहौल में ही विकास के लिए हम सब कृतसंकल्प हैं। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान ने कहा कि प्रदेश में अमन चौन एवं भाईचारा का माहौल बना रहे।
बड़ी दरगाह में प्रतिवर्ष ईद के पांचवें दिन से बाबा मखदूम के मजार पर चादर चढ़ाई जाती है। इस वर्ष 661वां उर्स मनाया जा रहा है, जिसमें भारी संख्या में प्रदेश और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये अकीदतमंद हिस्सा ले रहे है और बाबा मखदूम साहब के मजार पर चादरपोशी कर दुआएं मांग रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी आस्था मखदूम साहब से जुड़ी रही है। वे यहां पहले भी लगातार आते रहे है, लेकिन कोविड के दौर में आने का सिलसिला छूट गया था, जिसे फिर से शुरू किया है।
मुख्यमंत्री दोपहर बाद बिहारशरीफ पुलिस लाइन ग्राउंड में हैलीकॉप्टर से पहुंचे, जहां से बड़ी दरगाह के लिए निकल पड़े। उन्होंने वहां मखदूम साहब के मजार पर चादरपोशी की और इबादत की। बाद में मुख्यमंत्री द्वारा खानकाह मुअज्जम में मुसाफिरखाना का उद्घाटन किया गया तथा मखदूम-ए-जहां के दूसरे सज्जादनशीं हजरत हुसैन नौशा-ए-तौहीद बल्खी के प्रवचनों के संग्रह मौलाना अली अरशद द्वारा लिखी किताब गंजे-ला-यखफ्रफा के उर्दू अनुवाद का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री के साथ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो॰ जमा खान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस॰ सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार, पटना के आईजी राकेश राठी, जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर, एसपी अशोक मिश्रा, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो॰ इरशादुल्लाह, सज्जादा नशीं सैयद शाह सैफुद्दीन फिरदौसी, सैयद शाह शमीम उद्दीन मुनअमी, सोगरा वक्फ एस्टेट के मोतवल्ली मोखतारुल हक भी शामिल थे।