जम्मू: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने आज जम्मू में कांग्रेस को बड़ी नसीहत दे डाली. फारूक ने कहा कि कांग्रेस कमजोर हो रही है और देश को बचाने के लिए कांग्रेस का उभरना जरूरी है. वहीं, बीजेपी का बिना नाम लिए फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी को निशाने पर लिया.
देश के लिए कुर्बानी दे चुके शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को सलाम करने जम्मू पहुंचे डॉ अब्दुल्ला ने कांग्रेस को नसीहत दे डाली. पैंथर्स पार्टी द्वारा जम्मू में आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस कमजोर हो गई है. कांग्रेस को उभरना पड़ेगा और उठना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि उनकी जमात दिल्ली में नहीं है और कांग्रेस हर जगह है.
कांग्रेस को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को फिर से जिंदा होना पड़ेगा और लोगों की मुश्किलों को देखना पड़ेगा. वे यहीं नहीं रुके बल्कि सोमवार को जम्मू में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा थालिया बजाने को लेकर भी उन्होंने बिना बीजेपी का नाम लिए पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आवाज उठानी पड़ेगी. सोमवार को आपने थाली बजाई लेकिन थालियां बजाने से कुछ नहीं होगा.
फारूक अब्दुल्ला ने सवाल किया कि क्या थालियां बजाने से कोरोना वायरस चला गया और क्या दीये जलाने से करोना वायरस चला गया? उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जो यह बजवा रहे हैं, वह खुद थाली नहीं बजाते और दूसरों से थालियां बजवाते हैं. उन्होंने कहा कि यह देश हम सबके लिए है. चाहे इस देश का नागरिक किसी भी धर्म, जाति या स्थान से हो वो इस देश का है. लेकिन, हम लोगों को बांटा जा रहा है. हिंदू और मुसलमान को अलग किया जा रहा है. वो बार-बार जिस भगवान का नाम ले लेते हैं क्या वह हिंदुओं के भगवान हैं या पूरी दुनिया के भगवान हैं. अगर हिंदू के भगवान हैं तो मेरे साथ कोई ताल्लुक नहीं है. लेकिन वह हिंदू के भगवान नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भगवान है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह चाहते थे कि इस रियासत को आजाद रियासत रखा जाए ताकि इसे हिंदुस्तान और पाकिस्तान और चीन के साथ रखकर हम तरक्की करें. लेकिन पाकिस्तान ने तब बहुत मोहब्बत दिखाई और इस रियासत का बेड़ा गर्क किया. उन्होंने कहा कि उस समय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने फैसला किया कि हमें बापू के हिंदुस्तान के साथ जाना है, जहां पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई बराबर हों और हमे यहां से हिंदू या किसी दूसरे धर्म को नहीं निकालना, क्योंकि यह सब की रियासत है. तब महाराजा हरि सिंह को यह करना पड़ा.
धारा 370 का ज़िक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 1927 में जब महाराजा ने कानून क्यों लाया. उन्होंने दावा किया कि महाराजा डोगरा सभ्यता को बचाने के लिए इस बिल को लाया ताकि पंजाब से यह या दूसरी तरफ से इस प्रदेश को बचाया जाएं. उन्होंने कहा कि हमारे लोग गरीब हैं और गरीबी में मर जाएंगे तब और आज हालत यह है कि आपके बच्चों की नौकरी नहीं लगेगी. बल्कि बाहर के लोगों की नौकरी लगेंगे. उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश के जो बच्चे पढ़े लिखे हैं, क्या इन बच्चों को पंजाब हरियाणा या हिमाचल में नौकरी मिलेगी?
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कल देखना कि कुछ लोग अब राम को बेचने आएंगे और कहेंगे राम खतरे में हैं. वो यह नहीं कहेंगे कि हम खतरे में हैं. वो यह नहीं कहेंगे कि हमारी कुर्सी खतरे में है और जिस दिन भगवान राम को कुर्सी चाहिए होगी तो यह दुनिया ही नहीं रहेगी. भगवान राम को वोट नहीं चाहिए बल्कि हमें वोट चाहिये. उन्होंने जनता से अपील की कि ये कानून पर कानून लेकर आएंगे और यह कानून हमें उनके मुंह पर फेंकने हैं और यह तभी होगा जब हम सब एक होंगे.