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PCI ने टोक्यो पैरालिंपिक के लिए चुनी 24 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम,


  • 24 अगस्त से शुरू होने वाले पैरालिंपिक खेलों (Paralympics) के लिए अब तक कई खिलाड़ी क्वालिफाई कर चुके हैं. भारतीय पैरालिंपिक समिति (PCI) ने शनिवार को टोक्यो पैरालिंपिक (Tokyo Paralympics) के लिए स्टार जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia) और हाई जंप एथलीट मरियप्पन थंगावेलू (Mariyappan Thangavelu) की अगुवाई में 24 सदस्यीय एथलेटिक्स टीम की घोषणा की है.

झाझड़िया और थंगावेलू ने 2016 के रियो पैरालिंपिक में क्रमशः एफ46 भाला फेंक और टी42 हाई जंप के इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. उनके अलावा भारतीय पैरालिंपिक दल में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके संदीप चौधरी और सुमित कुमार सरोहा भी शामिल हैं.

दिल्ली में आयोजित किए गए ट्रायल

पीसीआई की चयन समिति ने 29 और 30 जून को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दो दिवसीय ट्रायल (परीक्षण) के बाद टीम का चयन किया. चयन बैठक की अध्यक्षता पीसीआई प्रमुख और पैरालिंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक ने की. विश्व पैरा एथलेटिक्स ने भारत को 24 स्थान प्रदान किए हैं जिसमें चार महिला एथलीट शामिल हैं.

समिति ने पुरुषों के एफ-57 भाला फेंक वर्ग में रंजीत भाटी को भी चुना, जो ट्रायल से पहले कम रैंकिंग के कारण योग्यता हासिल करने वाले एथलीटों की सूची में नहीं थे. पीसीआई ने कहा, ‘उन्होंने हालांकि आखिरी चयन ट्रायल में अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया और एक जुलाई (2021) को एमईएस (न्यूनतम प्रवेश मानक) रैंकिंग के अनुसार वह पांचवें स्थान पर हैं.’ समिति ने संदीप संजय सरगर (भाला फेंक एफ-64) को भी रिजर्व एथलीट के रूप में रखा है.

मरियप्पन होंगे ध्वजवाहक

टॉप पैरा एथलीट मरियप्पन थंगावेलू को टोक्यो पैरालिंपिक खेलों के लिये भारतीय दल का ध्वजवाहक चुने जाने की घोषणा शुक्रवार को ही कर दी गई थी. टोक्यो पैरालिंपिक खेल 24 अगस्त से पांच सितंबर तक होंगे. राष्ट्रीय संस्था की कार्यकारी समिति ने ध्वजवाहक के लिए 2016 रियो पैरालिंपिक में टी-42 इवेंट का गोल्ड मेडल जीतने वाले हाई जम्प के एथलीट थंगावेलू का चयन किया. पैरा एथलेटिक्स के चेयरमैन आर सत्यनारायण ने पीटीआई से कहा, ‘ मरियप्पन थंगावेलू तोक्यो पैरालंपिक में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे. भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.’ 25 वर्षीय थंगावेलू को पिछले साल देश के शीर्ष खेल पुरस्कार खेल रत्न से सम्मानित किया गया था.