उदयपुर, । ओड़ा में उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के बीच ब्रिज पर ब्लास्ट के मामले में उदयपुर जिला पुलिस आदिवासी बाइकर्स ग्रुप की तलाश में जुटी है। पुलिस ने कुछ युवकों को हिरासत में भी लिया है, जिनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं। क्षेत्र में दबदबा कायम रखने के लिए यह छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देते रहे हैं और अब पुलिस खंगाल रही है कि इनका ब्रिज ब्लास्ट में कोई हाथ तो नहीं।
बाइकर्स गैंग में शामिल ये युवक पूर्व में डूंगरपुर- उदयपुर जिलों की सीमा पर कांकर डूंगरी उपद्रव में भी शामिल रहे थे। इस बीच पुलिस ने जावर माइंस क्षेत्र में विस्फोटक सप्लाई करने वाले दो युवकों को डिटेन किया है और उनसे पिछले 6 महीनों में विस्फोटक सामान की बिक्री करने वाले लोगों की जानकारी ली गई।
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि आदिवासी क्षेत्र में सक्रिय बाइकर्स गैंग की पहचान पिछले दिनों बसों पर पथराव की घटना के बाद हुआ था। ये युवक ओड़ा तथा आसपास के छोटे गांवों के रहने वाले हैं। पढ़ाई छोड़ने के बाद ये छोटे-मोटे अपराध करने लगे। बसों पर पथराव तथा डूंगर कांकरी उपद्रव के मामले में भी इनको डिटेन किया गया था।
पहाड़ी और जंगलों में छिपना आसान
स्थानीय होने से कारण उनके लिए पहाड़ी और जंगलों में छिपना आसान है। ओड़ा के जिस रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट हुआ, वहां भी ये युवक अकसर बैठे दिखाई देते हैं।
आठ सौ पुलिस के जवान खंगाल रहे चप्पा-चप्पा
रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट की घटना के बाद जिले के आठ सौ से अधिक जवान चप्पे-चप्पे की जांच में जुटे हैं। तीन सौ से अधिक जवानों को जंगल खंगालने में जुटे हैं और उन्हें हर संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने के लिए कहा गया है। एक दर्जन से अधिक थानाधिकारियों की टीम सोमवार रात से ही केवड़ा, टीडी, ओड़ा और जावर के जंगलों में सर्च कर रहे हैं।
इधर, उदयपुर शहर और जिले की सभी होटल, धर्मशाला तथा रिसोर्ट की तलाश में पांच सौ से अधिक जवानों को लगाया गया है। उन्हें पिछले दो सप्ताह का रिकार्ड लाने को कहा गया है। जिससे पता लगाया जाएगा कि यहां रहने वाले लोग किस काम से इन जगहों पर रूके और कहां-कहां गए। उनके कारोबार संबंधी जानकारी भी जुटाई जा रही है।
बंद माइंसों तक पहुंची पुलिस
उदयपुर जिला पुलिस के जवान बंद माइंसों की भी तलाश कर रही है। पुलिस को आशंका है कि बावरमाल सहित उन सभी माइंस इलाकों को खंगाला जाए जो बंद है। वहां जाकर यह पता लगाने को कहा गया है कि उन माइंस में अभी भी कौन एक्टिव है। पुलिस को आशंका है कि वहां अभी भी खनन का काम जारी है और वह लोग भी खनन विस्फोटक उपयोग में लेते हैं। बावरमाल की बंद माइंस भी ओड़ा गांव से बीस किलोमीटर के दायरे में है।
जावरमाइंस, टीडी क्षेत्र में काम कर चुके पुलिस अधिकारी और जवानों को बुलाया
पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने जावरमाइंस तथा टीडी क्षेत्र में दस साल या उससे अधिक सालों से काम कर चुके सभी पुलिस अधिकारियों तथा जवानों को बुलाकर बैठक ली है। बताया जा रहा है कि यह अधिकारी तथा पुलिसकर्मी ओडा गांव तथा उसके पचास किलोमीटर के दायरे से पूरी तरह परिचित हैं तथा वहां के लोगों और उनके कामों के बारे में भी जानते हैं। इन लोगों की सेवाएं अब इस क्षेत्र में लिए जाने की संभावना है। पुलिस जंगल में सर्चिंग काम में वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारियों की मदद ले रही है।
ब्लास्ट वाली रात पुल के पास दिखी पिकअप ट्रैस
ओड़ा ब्रिज के पास संदिग्ध पिकअप के होने की जानकारी भी पुलिस को खास सुराग नहीं दे पाई है। सोमवार रात उसे भी ट्रैस आउट कर लिया गया। हालांकि उससे पुलिस को कोई सुराग नहीं मिले। पिकअप ड्राइवर ने बताया कि ओड़ा पुलिया के समीप वह टॉयलेट करने के लिए कुछ समय रूका था।
उल्लेखनीय है कि शनिवार रात अज्ञात बदमाशों ने ओड़ा स्थित रेलवे ब्रिज पर विस्फोटक लगाकर रेलवे लाइन को उड़ाने की कोशिश की थी। इस मामले की जांच एनआईए और एसओजी कर रही है। स्थानीय पुलिस भी आतंकी घटना मानते हुए इसकी जांच में जुटी है।