पटना

बिहार में रेमडेसिविर व ऑक्सीजन की नहीं होगी किल्लत


10 दिनों में बिहार को और मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन का एक लाख वायल

(आज समाचार सेवा)

पटना। राज्य व केंद्र सरकार के प्रयास से बिहार में रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति में पर्याय सुधार से मरीजों को इनकी किल्लत नहीं होगी। पिछले 10 दिनों में बिहार को भरत सरकार से जहां रेमडेसिविर के 50 हजार वायल मिले हैं, वहीं आने वाले 10 दिनों में एक लाख वायल और मिलेंगे।

ये बातें आज पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्रालय राज्य के सभी 09 मेडिकल कॉलेजों में अगले 3 महीने में 18 करोड़ की लागत से प्रति मिनट ढाई हजार लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले उच्च क्षमता का प्लांट तथा एनएचएआई राज्य के 15 अनुमंडलों में प्रति मिनट 960 लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने आक्सीजन की ढुलाई के लिए बिहार को छह टैंकर उपलब्ध कराया है।


राहुल, लालू की बयानबाजी ऑक्सीजन की कालाबाजारी से ज्यादा खतरनाक: मोदी

पटना (आससे)। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। बिहटा में सेना ने 100 बेड वाला विशेष कोविड अस्पताल शुरू किया। राज्य के अस्पतालों में बड़े पैमाने पर डाक्टरों-स्वास्थ्यकर्मियों की संविदा पर भर्ती की जा रही है। साथ ही दूसरे राज्यों से लौटे मजदूरों को यहां सभी योजनाओं में काम देकर उनके रोजगार की भी चिंता की जा रही है।

 दूसरी तरफ़ ऐसे संकट काल में राहुल गांधी और लालू प्रसाद नकारात्मक बयान देकर केवल कोरोना योद्धाओं का मनोबल गिरा रहे हैं। महामारी के समय ओछी राजनीति करना दवा-आक्जीजन की कालाबाजारी करने से ज्यादा खतरनाक है। ट्वीट कर ये बातें आज सुशील कुमार मोदी ने कही।

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जब लालू प्रसाद को 15 साल राज करने का मौका दिया था, तब उन्होंने मेडिकल कालेज, एम्स, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, आक्सीजन प्लांट या गांव में बिजली पहुंचाने जैसे काम करने के बजाय लाठी में तेल पिलावन रैली, गरीब रैला और समाज को तोड़ने वाले नारे गढने जैसे नकारात्मक कामों में समय गँवाया। वे सत्ता में रहें या विपक्ष में, उनकी राजनीति हमेशा गिलास को भरने की नहीं, सिर्फ उसे खाली दिखाने की रही।


उन्होंने कहा किकोविड के गंभीर मरीजों को विशेष परिस्थिति में दी जाने वाली विदेशों से आयातित काफी महंगी टोसिल्ली जुम्ब दवा की बिहार को अबतक 150 वायल मिल चुकी है, जबकि बहुत जल्द उसकी 120 वायल और प्राप्त हो जायेगी।

उन्होंने कहा किरेमडेसिविर की किल्लत के मद्देनजर भारत सरकार ने पहले ही उसके निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ ही उसके रा मैटेरियल पर आयात शुल्क समाप्त कर कीमत में भी भारी कटौती कर दी थी।रेमडेसिविर, ऑक्सीजन व अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति में पर्याप्त सुधार से जहां बाजार में इनकी किल्लत दूर होगी वहीं कोविड मरीजों को भी परेशानी से निजात मिलेगी।