पटना। बिहार में कोरोना कहर बनकर टूट पड़ा है। लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। रिकवरी रेट से ज्यादा संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिससे एक्टिव केसों की संख्या में बिहार में 1 लाख के पार कर गयी है। हालांकि सरकार ने संक्रमण की चेन को तोड़ने को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगायी है, फिर भी इसकी रफ्तार कम होने के बजाए दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
अब इसकी जद में बड़े-बड़े वीआईपी भी आने लगे हैं। बीते शुक्रवार को ही बिहार के मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह की मौत कोरोना से हो गयी। पारस एचएमआरआई अस्पताल में वो भर्ती थी। जहां वो कोरोना से जंग हार गए। वहीं आज सीवान के पूर्व सांसद व आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन और विधानपरिषद सदस्य हरिनारायण चौधरी को भी कोरोना ने लील लिया।
अभी-अभी पटना एम्स में बिहार के चीफ पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार का भी कोरोना से निधन हो गया। वो पटना एम्स में भर्ती थी। संक्रमित होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी हालत खराब होता देख डॉक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखा था। लेकिन अनिल कुमार भी कोरोना से जंग हार गए। इनके निधन से डाक विभाग में शोक की लहर दौड़ गयी।
अनिल कुमार के जानने वालों लोगों की माने तो वो काफी मिलनसार थे। जब भी कभी कर्मचारी किसी मुश्किल घड़ी में होता था तब वो आगे आकर उसकी समस्या का निदान करते थे। उन्हें तनिक भी अपने पद का गुरूर नहीं था। सामान्य व्यक्ति की तरह वो आम व्यक्ति या फिर डाक विभाग के कर्मचारियों से पेश आते थे। ऐसे व्यक्ति का जाना निश्चित ही डाक विभाग के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी कभी भी भारपायी नहीं की जा सकती है।