पटना

बिहारशरीफ: चालू मौसम में ना जले पराली इसके लिए प्रशासन द्वारा पुरजोर तैयारी


कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में डीएम ने दिया निर्देश हार्वेस्टर का करें पास निर्गत

      • हार्वेस्टर संचालकों को रखना होगा प्रबंधन यंत्र और देना होगा शपथ पत्र
      • जो किसान जलायेंगे फसल अवशेष उनका डीबीटीएल पोर्टल से डी-लिंक होगा अकाउंट
      • विद्यालय में छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए चलेगा कक्षा, प्रतियोगिता एवं प्रभात फेरी का आयोजन

बिहारशरीफ (नालंदा)। खेतों में किसान पराली ना जलाये इसके लिए पूरे जिले में कृषि विभाग जागरूकता अभियान चलायेगी। रबी कार्यशाला एवं किसान चौपाल के माध्यम से किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और इसके प्रबंधन से होने वाले फायदे की जानकारी दी जायेगी। इसके  लिए रेडियो पर परिचर्चा तथा अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जायेगा। यह आदेश जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने विभाग की समीक्षा बैठक में दी।

पंचायत सरकार भवनों का उपयोग फसल अवशेष प्रबंधन के जागरूकता के लिए किये जाने का निर्देश दिया गया। साथ ही इन भवनों पर विषय वस्तु से संबंधित प्रचार सामग्री एवं बैनर आदि लगाने को कहा गया ताकि आम  जन जागरूक हो सके। जिला एवं प्रखंड कृषि कार्यालयों में फसल अवशेषों को खेतों में जलाने वाले किसानों जिसका डीबीटीएल पोर्टल पर पंजीकरण है ना मानने पर पंजीकरण रद्द करने को कहा गया है। डीएम ने यह भी कहा कि कृषि विभाग के कर्मी, पदाधिकारी, रियल टाइम आकलन कर प्रतिवेदन समर्पित करेंगे।

जिला कृषि पदाधिकारी को यह भी निर्देश दिया गया कि जिले में उपलब्ध कंबाइंड हार्वेस्टर की एक सूची के अनुसार मैपिंग भी होनी चाहिए एवं कंबाइंड हार्वेस्ट का उपयोग करने हेतु जिला कृषि कार्यालय से पास निर्गत करने की आवश्यकता बताया। इसके तहत हार्वेस्टर के संचालक को विभाग से पास लेना साथ ही साथ स्ट्रॉ मैनेजमेंट से संबंधित यंत्र भी रखना होगा तथा संचालक को एक शपथ पत्र दाखिल करना होगा, जिसमें फसल अवशेष को नहीं जलाने का संकल्प लेना होगा। इसके साथ ही जिले के बाहर के जो भी हार्वेस्टर आयेगा उसकी सूचना संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार को निश्चित रूप से उपलब्ध कराना होगा।

फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कक्षा संचालन, वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला एवं प्रभात फेरी का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही पैक्सों के माध्यम से सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग, जीविका दीदी, मनरेगा कार्यकर्ता आदि के बीच भी फसल नहीं जलाने के लिए जागरूक करने को कहा गया।

किसानों से यह भी अपील की गयी कि वे अपने फसल अवशेष को ना जलाये। इसका उपयोग पशु चारा एवं कार्बनिक खाद बनाने में करे ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे। चालू मौसम में फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध निर्देश को सख्ती से अनुपालन करने हेतु सभी कर्मियों से शपथ पत्र प्राप्त करने को कहा गया।

बैठक में उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव, अपर समाहर्ता, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास पदाधिकारी, सिविल सर्जन, वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र हरनौत के परियोजना निदेशक, आत्मा के सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण आदि से जुड़े अधिकारी शामिल थे।