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- जब्त वाहनों के नीलामी के लिए एसडीओ और डीसीएलआर सुनवाई के लिए अधिकृत
- अवैध शराब निर्माण, व्यापार और सेवन में लिप्त हार्डकोर के विरुद्ध सीसीए की कार्रवाई
- सतत जीविकोपार्जन योजना से लोगों को जोड़ने के लिए डीपीएम जीविका भेजेंगे प्रस्ताव
- बैठक में उत्पाद आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, मद्य निषेध और केंद्रीय रेंज ने भी लिया हिस्सा
बिहारशरीफ। अवैध शराब से बिहारशरीफ में हुई मौत के मामले में राज्य सरकार काफी गंभीर है। इस मामले में कार्रवाई की गाज और कई लोगों पर गिरनी तय मानी जा रही है। इंकार नहीं किया जा सकता कि इस मामले में उत्पाद अधीक्षक तथा उनकी टीम के लोग भी कार्रवाई के जद में आ सकते है। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक आज स्वयं बिहारशरीफ पहुंचे और इस मामले की मॉनिटरिंग की।
समाहरणालय में उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें राज्य के गृह सचिव के. सेंथिल कुमार, एडीजे विधि व्यवस्था संजय सिंह, उत्पाद आयुक्त बी- कार्तिकेय धनजी, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध अमृत राज, पुलिस महानिरीक्षक सेंट्रल रेंज पटना राकेश राठी के अलावे नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा सहित जिलास्तरीय प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अधिकारी हिस्सा लिये।
बैठक में बिहारशरीफ में हुई जहरीली शराब कांड जिसमें दर्जन भर लोगों की जान गयी के बारे में पटना से आये अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी ली तथा पुलिस एवं उत्पाद विभाग द्वारा अब तक के इस मामले में की गयी कार्रवाई के संबंध में जानकारी हासिल की। टीम के लोगों ने बताया कि लगातार छापामारी चल रही है। 6 प्राथमिकी दर्ज की गयी है। 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पहाड़ी क्षेत्र में बसे लोगों के जमीन से संबंधित रिकार्ड की जांच की जा रही है, जिसके लिए 17 राजस्व पदाधिकारी को अलग-अलग टीम बनाकर जिम्मेवारी दी गयी है। अवैध रूप से बसे लोगों को नोटिस निर्गत किया जा रहा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद चलाया जायेगा।
मद्य निषेध अधिनियम के सख्ती से क्रियान्वयन एवं अनुपालन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जब्त शराब का सैंपल सुरक्षित रखकर शेष स्टॉक की विधिवत एवं त्वरित विनष्टिकरण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही जब्त वाहनों को भी विधिवत एवं त्वरित नीलामी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि जब्त किये गये वाहनों को राज्यसात करने के लिए वाद सुनवाई का अधिकार सभी एसडीओ एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ता को दिया गया है ताकि मामलों की सुनवाई प्रक्रिया में तेजी लायी जा सके। मद्य निषेध एक्ट के तहत दर्ज मामलों में चार्जशीट निर्धारित समय सीमा के अंदर अनिवार्य रूप से दाखिल करने को कह गया। इसके साथ ही अवैध शराब निर्माण/व्यापार/सेवन में लिप्त हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध सीसीए के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
जीविकोपार्जन के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करने के लिए शहरी क्षेत्र में सतत जीविकोपार्जन योजना का प्रावधान के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश डीपीएम जीविका को दिया गया। इस तरह के क्षेत्र में स्थायी रूप से ब्रेथ एनलाइजर टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा गया।
उत्पाद एवं पुलिस विभाग के वरीय अधिकारी ने छापामारी में जब्त की गयी सामग्री का भी अवलोकन किया। बैठक में सभी एसडीओ, सभी एसडीपीओ, उत्पाद अधीक्षक, डीपीएम जीविका, एडिशनल स्पेशल पीपी, विशेष अधिवक्ता उत्पाद, उत्पादक विधिक परामर्शी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।