कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव, मुख्य सचिव तथा जिलाधिकारी को पत्र ई-मेल कर की मांग
बिहारशरीफ (आससे)। रविवार को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह स्नातक अधिकार मंच के संयोजक दिलीप कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार को पूर्णतः लॉक डाउन करने में अब विलंब करने की आवश्यकता नहीं है। जिस तरह से नालंदा जिला ही नहीं पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण अपना विकराल रूप दिखा रहा है कहीं ना कहीं जनता हित में लॉकडाउन करने का वक्त आ गया है, पता नहीं सरकार क्या सोच रही है एक तरफ अस्पतालों में बेड नहीं है पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं है। उसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुल रही है।
उन्होंने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नालंदा जिले में एकमात्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जिसका नाम वर्धमान इंस्टीटड्ढूट ऑफ मेडिकल साइंसेज है जिसमें पूर्व से 500 बेड का अस्पताल है इसमें मात्र 100 बेड ही कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रखा गया था, जबकि वर्तमान में किसी भी सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल में सामान्य रोगियों की संख्या नहीं के बराबर है उसके बावजूद भी अस्पतालों को पूर्णरूपेण कोविड-अस्पताल नहीं बनाने के पीछे भी सरकार की कमी उजागर हो रही है।
इस आशय का पत्र उन्होंने 26 अप्रैल को बिहार के महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजा था जिस पर संज्ञान लेते हुए महामहिम एवं स्वास्थ्य विभाग ने पावापुरी मेडिकल कॉलेज को पूर्णरूपेण कोविड-अस्पताल का दर्जा तो दे दिया लेकिन कोविड-19 के गाइडलाइन के अनुरूप इस अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
पुनः 01 मई को जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार के द्वारा महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग, मुख्य सचिव बिहार एवं जिलाधिकारी नालंदा के नाम एक पत्र जारी कर ईमेल करते हुए यह मांग की गई है की तत्काल वर्धमान इंस्टिटड्ढूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के 500 बेड के अस्पताल में कोविड गाइडलाइन के अनुसार वहां पर वार्ड बॉय नर्सिंग स्टाफ एवं डॉक्टरों की नियुक्ति तत्काल की जाए। जिस तरह से पटना के एआईआईएमएस आईजीएमएस एवं पीएमसीएच में कोविड- डॉक्टरों की सुविधा उपलब्ध है वैसी व्यवस्था तत्काल यहां भी कराई जाए। क्योंकि यह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भी 5 जिले के मरीजों को देखता है।
उन्होंने विस्तार से चर्चा करते हुए कहा की इस 500 बेड के अस्पताल के लिए मेडिसिन विभाग में मात्र 16 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं जिसमें से आधे से अधिक बीमार चल रहे हैं तो 8 डॉक्टरों के भरोसे 24 घंटे का डड्ढूटी कोविड वार्ड कैसे किया जा सकता है। साथ ही जब इस अस्पताल में 100 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया था उस समय भी यहां नर्सिंग स्टाफ डॉक्टर एवं वार्ड बॉय की कमी थी। अब उन्हीं कर्मियों के भरोसे 500 बेड का कोविड-19 अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है।
दिलीप कुमार ने सरकार से यह भी मांग किया कि सही सही आंकड़ा जनता के सामने लाइए तब जनता सारी वस्तु स्थिति से वाकिफ हो कर अपने आप लॉकडाउन कर देगी आंकड़ा छुपाने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आज भी कोरोना समझ में नहीं आता है।
पिछले बार जब कोरोना संक्रमण का दौर आया था तो बिहारशरीफ के चौक-चौराहों मोहल्ला और प्रखंडों में माइक लगाकर इसकी भयावहता के विषय में लोगों को बताया जाता था इस बार यह कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है, उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के वक्त सुख-दुख में मदद का झांसा देकर आज सारे जनप्रतिनिधि जनता के बीच से गायब हैं।
उन्होंने नालंदा जिला वासियों सहित प्रदेश और देश के लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने का मुख्यतः तीन ही तरीका है जिसमें सर्वप्रथम मास्क लगाना अनिवार्य है बिना मास्क पहने हुए किसी भी हाल में घर से बाहर ना निकले दूसरा जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहते हैं एक दूसरे से दूरी बना कर रखना है और तीसरा गर्म पानी का सेवन के साथ-साथ गर्म पानी से गलाला और उसका स्वसन क्रिया के द्वारा अंदर बाहर छोड़ा जाए यही कोरोनावायरस का मुख्यतः इलाज है।
दूसरी ओर उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा की बिना ऑक्सीजन लेवल घटे हुए अस्पताल में कृपया भर्ती होने नहीं जाएं इससे दूसरे लोगों को जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है उन्हें असुविधा होती है इसलिए जब तक सर्दी-खांसी, बुखार रहे तो डॉक्टरों से परामर्श लेकर घर में ही दवा खाकर आइसोलेट हो जाएं।