पटना

बेगूसराय: तारीख पर तारीख का लाभ उठा रहे हैं आरोपित फर्जी शिक्षक


बेगूसराय (आससे)। तीन जिला शिक्षा पदाधिकारी और तीन डीपीओ स्थापना आए और चले गए लेकिन निर्णय नहीं ले पाये। यह हालात जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का है। जहां आवेदिका तिलक टोल मोहनएघु निवासी मानो देवी ने फर्जी प्रशिक्षण संस्थान से शिक्षक बने वीरचंद पासवान से संदर्भित मामले की आवेदन जिला पदाधिकारी को 27 दिसंबर 2013 को दी थी। जिसकी जांच भी करवाई गई पत्रांक 28 24 मार्च 2014 को प्राथमिक विद्यालय मुसन टोल कमरुद्दीन पुर चमरटोली में पदस्थापित सहायक शिक्षक वीर चंद पासवान की प्रशिक्षण की डिग्री को अवैध बताते हुए, प्रशिक्षण संस्थान श्रीनगर पूर्णिया ने पत्र प्रेषित किया था।

जिसके आलोक में पत्रांक 1726 13 नवंबर 2017 को तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने सहायक शिक्षक वीरचंद पासवान को संदर्भित जांच प्रतिवेदन के आलोक में जालसाजी के आरोप लगे थे। इसी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करते हुए वेतन की राशि वसूली करने का आदेश जिला पदाधिकारी के द्वारा दिया गया था। लगभग 4 वर्ष बीतने को चले लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश साफी, श्याम बाबू राम एवं देवेंद्र कुमार झा आये और चले गये लेकिन फाइल अटकी ही रही।

लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन ने डीपीओ स्थापना सुमन शर्मा को आदेश दिया कि वीरचंद पासवान को निलंबित करते हुए। बिहार सरकारी सेवक नियमावली के तहत 2005 तथा संशोधित 2007 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही के अधीन रखते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए इसी के आलोक में डीपीओ स्थापना सुमन शर्मा ने निलंबन का पत्र प्रेषित करते हुए निलंबन अवधि में बीआरसी बलिया में बने रहने का आदेश जारी किया।

निलंबन हुए 6 माह बीतने को चला है लेकिन अभी तक कोई भी विभागीय कार्रवाई नहीं हो पाई तारीख पर तारीख मास्टर साहब को मिलता रहा लेकिन वे अपना पक्ष रखने आए ही नहीं। इस संदर्भ में समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार शर्मा ने बताया कि अपना पक्ष रखने के लिए शिक्षक वीरचंद पासवान को तारीख दिया गया था लेकिन हुए उपस्थित नहीं हुए हैं।

अब सवाल यह उठता है कि कितनी तारीख मिलती रहेगी क्या तारीख पर तारीख का लाभ लेते हुए हुए अवकाश ग्रहण भी कर जाएंगे। इसके बाद कार्रवाई होगी इस तरह की उदासीनता से सवाल उठना लाजमी है कि विभाग के कौन ऐसे व्यक्ति हैं जो उसे बचाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने उस पर प्राथमिकी दर्ज करने और वेतन वसूली का आदेश भी दिया गया था। इसके बावजूद कार्य में शिथिलता बरती जा रही है।