नई दिल्ली, । तमाम अटकलों और आशंकाओं के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Chinese Foreign Minister Wang Yi) गुरुवार को भारत पहुंचे। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक वह शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिल सकते हैं।
माना जा रहा है कि वांग यी (Chinese Foreign Minister, Wang Yi) के भारत दौरे से पिछले दो वर्षों से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बनी तनाव की स्थिति में कुछ सकारात्मक बदलाव आ सकता है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
मालूम हो कि विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर के तौर पर वांग यी पांच बार भारत आ चुके हैं। वह भारत सबसे ज्यादा बार आने वाले चीन के विदेश मंत्री हैं। अंतिम बार वह दिसंबर 2019 में आए थे। उस समय वांग यी और एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत हुई थी।
वांग यी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर 25 मार्च को नेपाल भी पहुंच सकते हैं। इस दौरान महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना के रास्ते में आई रुकावटों को लेकर भी वार्ता हो सकती है। पिछले साल शेर बहादुर देउबा सरकार के सत्ता में आने के बाद वांग नेपाल की यात्रा करने वाले सर्वोच्च विदेशी नेता होंगे।