मुंबई, । महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के जल्द थमने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं। अयोग्यता के मामले में नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव ने राज्य के कुल 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उनमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के 39 और उद्धव ठाकरे समूह के 14 विधायक शामिल हैं। ठाकरे पक्ष के 14 विधायकों में से एक, संतोष बांगर को भी नोटिस जारी किया गया है।
बांगर (Santosh Bangar) 4 जुलाई को सरकार के फ्लोर टेस्ट के दिन शिंदे (Eknath Shinde) खेमे में शामिल हो गए थे। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पक्षों के विधायकों ने कारण बताओ नोटिस मिलने की पुष्टि की है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर स्पीकर के चुनाव के दौरान पार्टी के व्हिप की अवहेलना करने और क्रमश: 3 और 4 जुलाई को विश्वास मत की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। दोनों पक्षों की ओर से कई विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
एकनाथ शिंदे गुट (Shinde faction) ने उन विधायकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं किया है, जिनके खिलाफ अयोग्यता की मांग की गई है। महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव की ओर से महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्यों को नोटिस दलबदल के आधार पर अयोग्यता नियमों के तहत जारी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि विधायकों को सात दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है।
288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के कारण सदस्यों की संख्या 287 है। विश्वास मत के दौरान 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जबकि 99 ने इसके खिलाफ वोटिंग की। 4 जुलाई को राज्य विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद, शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को व्हिप के उल्लंघन का नोटिस जारी किया था। फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले, 3 जुलाई को भाजपा के राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे।