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मानसून सत्र: नहीं थमा विपक्ष का हंगामा, 8वें दिन भी बिना किसी बहस-चर्चा के सदन स्थगित


  1. संसद में जासूसी मामलों और किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दल के सदस्यों का हंगामा शुक्रवार को भी जारी रहा जिसकारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्रवाई सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि जब से मानसून सत्र हुआ है संसद एक भी दिन शांतिपूर्ण नहीं चली है। हंगामे में ही सदन में कई विधेयक पेश किए गए।

राज्यसभा
हंगामे के कारण राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा भोजनावकाश के बाद शोर शराबे के बीच सदन की कार्रवाई सोमवार तक स्थगित कर दी गई। उप सभापति हरिवंश ने ढाई बजे जब सदन की कार्रवाई शुरू करते हुए गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए सदस्यों का नाम पुकारा जो किसी भी सदस्य ने निजी संकल्प पेश नहीं किया और न ही किसी सदस्य ने निजी संकल्प पर चर्चा शुरू की। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और तख्तियां लहराने लगे। हंगामें के बीच ही श्री हरिवंश ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 और निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021 पेश कराए। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2021 चर्चा के लिए पेश किया और बिना चर्चा के ही सदन ने ध्वनिमत से यह विधेयक पारित कर दिया।

लोकसभा
पेगासस जासूसी, महंगाई तथा कृषि कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह के आखिरी दिन आज भी जारी रहा जिसके कारण लोकसभा की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने 12 बजे जैसे ही सदन की कार्रवाई आरंभ की विपक्ष के सदस्य पहले की तरह हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए सदन के बीचों बीच आ गए और नारेबाजी तथा शोरशराबा करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने शोर शराबे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सदन को चलाने का प्रयास किया। हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष ग़ैर गंभीर विषयों को मुद्दा बना रहा है जबकि इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दोनों सदन में बयान दे दिया है। विपक्ष बिना मुद्दे के हंगामा कर सदन के कामकाज में अवरोध उत्पन्न कर रहा है। पिछले आठ दिनों से हंगामा करके सदन के कामकाज को ठप करना दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्षी सदस्य नहीं माने और हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।