पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कटिहार जिले के एक शख्स ने गुहार लगाई कि साल 2018 से उसकी पत्नी गायब है। वह घर से काम करने के लिए दफ्तर निकली, लेकिन वहां पहुंच ही नहीं पाई। रास्ते से ही गायब हो गई। मुख्यमंत्री जी कुछ कीजिए।
दरअसल, कटिहार के एक शख्स की पत्नी ऑफिस जाने के लिए साल 2018 में घर से निकली थी, लेकिन वह ऑफिस नहीं पहुंची और घर भी नहीं लौटी। शख्स ने बहुत ढूंढने की कोशिश की, लेकिन महिला को कोई सुराग नहीं मिला।
पांच साल शख्स ने जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अपनी पत्नी को ढूंढने में मदद करने के लिए अर्जी लगाई। शख्स ने कहा कि पांच साल से पत्नी गायब है, अब आप ही कुछ कीजिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस शख्स को समझाते हुए कहा कि आपको भी खुद खोजना चाहिए था न। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि पता कराइए, क्या मामला है। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री कार्यक्रम जनता दरबार में सोमवार को लोगों की समस्याएं सुनी, उसी दौरान यह मामला आया।
परीक्षा मैंने पास की, सर्टिफिकेट किसी और को दे दिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया, जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। दरअसल, बक्सर से आई एक लडकी ने मुख्यमंत्री नीतीश से शिकायत की कि इंटर की परीक्षा उसने पास की थी और सर्टिफिकेट उसकी जगह दूसरी लड़की को दे दिया गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को कहा कि इसे तुरंत देखिए।
फीस का पूरा पैसा जमा, पर नहीं हुआ दाखिला
अरवल से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से यह गुहार लगाई कि साल 2019 में बोधगया के एक पॉलिटेक्निक संस्थान की ओर से उसे बताया गया कि उसका नामांकन वहां हो गया है। पढ़ाई के लिए उसने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लिया। ऋण की राशि कॉलेज में जमा हो गई।
बाद में मालूम हुआ कि मेरा नामांकन ही नहीं हुआ है। इस बीच स्टूडेंट क्रेडिट के तहत ली गई राशि की वापसी के लिए उसे नोटिस मिला है, जबकि उसने पढ़ाई ही नहीं की। अब जब कॉलेज वालों को पैसा बैंक को लौटाने के लिए कहा तो वहां से इसे वापस नहीं किया जा रहा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस मामले को देखने का निर्देश दिया।