पैदल ही आये अपराधियों ने रिवाल्वर की नोंक पर लूट कांड को दिया अंजाम
मुजफ्फरपुर। सकरा थाना क्षेत्र के दोनमा गांव में बंधन बैंक से 17 लाख की लूट और नगर थाना क्षेत्र में मोबाइल व्यवसायी अभिषेक अग्रवाल की लूट के दौरान हत्या का मामला अभी ठंडा पड़ा ही था कि बेलगाम अपराधियों ने बुधवार को बोचहा थाना क्षेत्र के गरहां गांव स्थित सेंट्रल बैंक शाखा से पाँच लाख से अधिक लूट कांड को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन को अंगूठा दिखा दिया है। मामले की छानबीन जारी है ।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि बुधवार की पूर्वाहन लगभग साढे 11:00 बजे पैदल ही चार से पांच की संख्या में मुंह पर मास्क लगाएं अपराध कर्मी गरहां स्थित सेंट्रल बैंक शाखा में घुसे और देखते ही देखते बैंक कर्मियों और उपस्थित ग्राहकों को रिवाल्वर की नोक पर ले लिया। दहशत बनाने के बाद अपराधियों ने बैंक के चेस्ट में रखा रूपया लूट लिया और जाते-जाते शाखा परिसर में उपस्थित ग्राहकों से भी तकरीबन 50 हजार रूपया लूट कर आसानी से निकल भागे। बैंक से चार लाख 68 हजार 15 रूपया लूटने की बात कही जा रही है।
घटना की सूचना मिलने के बाद बोचहाँ थाना की पुलिस दलबल के साथ बैंक पहुंची और छानबीन प्रारंभ की। इस बीच लूट की सूचना जिला मुख्यालय को दी गई। इसके पश्चात डीएसपी पूर्वी स्थल पर पहुंचे और लूट कांड के संबंध में जानकारी ली। अपराधियों की धरपकड़ के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने से लेकर अन्य बिंदुओं पर जांच जारी है। समाचार प्रेषण तक किसी भी अपराधी के पकड़े जाने अथवा लूट की राशि बरामदगी की खबर नहीं है।
विदित हो कि गुजरे सात जनवरी को नगर थाना क्षेत्र में बीवी कॉलेजिएट गली से निकलने के दौरान मोबाइल व्यवसायी अभिषेक अग्रवाल की अज्ञात अपराधियों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब लूट में प्रतिरोध की कोशिश की थी।
उधर सकरा थाना क्षेत्र के दोनमा गांव स्थित बंधन बैंक में अज्ञात अपराधियों ने रिवाल्वर की नोक पर 17 लाख से अधिक की राशि लूट ली थी। हालांकि अगले ही दिन एसआईटी की टीम ने पटना में तीन अपराधियों को दबोचा जहां से लूटी गई राशि में 16 लाख 71 हजार रुपया बरामदगी का दावा किया गया था।
वहीं 12 जनवरी को जिला पुलिस ने मोबाइल कारोबारी की हत्या मामले का भी उद्भेदन करने का दावा तो किया है। मगर अपराध अपनी जगह कायम है। आये दिन रिवाल्वर से निकली गोलियां या तो खून बहा रही या लूट कांड को अंजाम दिला रही या फिर सरेआम छिंतई का दौर जारी है। ऐसे में सुशासन पर उंगली उठना और विधि व्यवस्था की दयनीय स्थिति पर सवाल खड़ा होना लाजमी है।