पटना

मुजफ्फरपुर: भ्रांतियों को झुठला अब अल्पसंख्यक समुदाय भी बन रहा कोविड टीकाकरण का हिस्सा


कैम्प लगाकर अल्पसंख्यक समुदाय के सौ लोगों का हुआ  टीकाकरण

मुजफ्फरपुर। कोविड टीकाकरण का हिस्सा अब हर कोई बनना चाहता है। बस उनकी भ्रांतियों को तोड़ने और समझाने वाला होना चाहिए। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है केयर के प्रखंड समन्वयक सैयद नसिरुल होदा ने। उन्होंने  अल्पसंख्यक  समाज में फैली हुई भ्रांति को पहले जानने की कोशिश की फिर उनकी परेशानियों का निराकरण किया। होदा कहते हैं अल्पसंख्यक समुदाय के बीच टीके की  दूसरी  डोज़  में अंतर, इसके होने वाले विपरीत प्रभाव, धर्म संकट जैसी मामूली समस्याओं  का जमावड़ा था। जिसे जकारिया कॉलोनी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता लालू व मेरे द्वारा निराकरण किया गया। जब समाज से शंकाओ का निराकरण हुआ तो मैंने मस्जिद के जरिए शुक्रवार से ही ऐलान कर समाज को समय पर इस कार्यक्रम के होने की सूचना देता रहा।  पूरे कार्यक्रम के दौरान आज 45 से ऊपर  वाले 50 लोगों को एवम 18 से ऊपर  वाले 50 युवाओं को कोविड का टीका दिया गया।

भ्रांतियों पर नहीं दे ध्यान 

केयर के समन्वयक नसीरुल होदा ने समाज में टीकाकरण के प्रति मिथक और उनके तथ्यों से भी अवगत कराया। जिसमें एक बार कोरोना हो गया तो टीकाकरण कराने की जरूरत, टीका की सुरक्षा, टीकाकरण के दोनों डोजों के बीच लंबे समय और टीकाकरण के बाद कोविड अनुरुप पालन के प्रति समाज में फैले मिथकों के सही और स्पष्ट तथ्यों को सामने रखा। होदा ने बताया कि  किसी भी प्रकार के टीके के लिए हल्के बुखार, इंजेक्शन की जगह पर दर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह प्रभाव या तो स्वत: खत्म हो जाते हैं या लक्षण आधारित दवाओं के सेवन से यह तुरंत ही खत्म हो जाते हैं। एक बार वैक्सीन देने पर 12 हफ्तों तक इम्युन सिस्टम बना रहता है। इसलिए दोनों ही डोजों के बीच इतने दिन का अंतर रखा गया है।

धर्मगुरुओं को आना होगा आगे

टीकाकरण में कोई धार्मिक संदेह न रहे, लोगों के बीच सही और संतोषजनक जानकारी हो इसके लिए धर्मगुरुओं को आगे आना होगा। समाज के बीच जाकर उन्हें समझाएं और टीकाकरण के भागीदार बनने को प्रेरित करें।

इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें, विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें, लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं, बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें, भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें और प्रोटोकॉल का पालन करें, अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और सावधान जारी रखें।