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- गुणवत्ता की पहचान के लिए बन रहा रैंकिंग फ्रेमवर्क
- उच्च शिक्षा प्रणालियों का होगा डिजिटलीकरण भी
- नालंदा खुला विश्वविद्यालय का होगा आधुनिकीकरण
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(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में उच्च शिक्षा प्रणालियों का डिजिटलीकरण होगा। यह राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की भावी योजना में शामिल है। उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात से संबंधित कार्यों के लिए नालंदा खुला विश्वविद्यालय का आधुनिकीकरण भी होगा। इसके साथ ही उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता की पहचान कर उसे मजबूत करने के लिए रैंकिंग फ्रेमवर्क का निर्माण कर उसका संचालन किया जाना है।
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए राज्य स्तर पर कॉमन डेटाबेस एकत्रित करने हेतु एक एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (युनिफाइड-एमआईएस) को विकसित करने और उसे कार्यान्वित करने का कार्य प्रक्रिया में है। इसके माध्यम से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता आयेगी। शिक्षा विभाग के स्तर से कार्यों में सुगमता आयेगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के नामांकन, शिक्षक, कर्मचारी, वित्तीय आदि की अद्यतन स्थिति के विषय में तुरंत पता लग सकेगा।
आपको बता दूं कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) केंद्र प्रायोजित योजना है, जो राज्य के उच्चतर शैक्षणिक संस्थाओं को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में प्रारंभ की गयी थी। इस योजना में केंद्र एवं राज्य का वित्तीय अनुपात अद्यतन 60:40 है। राज्य उच्चतर शिक्षा योजनाओं के समालोचनात्मक मूल्यांकन के आधार पर राज्यों को निधि दी जाती है। निधि का उपयोग उच्चतर शिक्षा में समानता, पहुंच और उत्कृष्टता मामलों में अपेक्षित सुधार के लिए राज्य की कार्य योजना के आधार पर होता है। यह योजना बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद को जनवरी, 2020 में ही अधिनियमित भी किया गया है। इस योजनान्तर्गत पूर्वनिर्धारित मापदंडों के आधार पर चिन्हित संस्थानों को बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के माध्यम से भेजी जाती है।
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के तहत अब तक 372 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है, जिसमें केंद्रांश के रूप में 224 करोड़ एवं राज्यांश के रूप में 148 करोड़ की राशि स्वीकृत है। इसके विरुद्ध अब तक 228 करोड़ की राशि विभिन्न वित्तीय वर्षों में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद को प्राप्त हुई है। इससे नौ विश्वविद्यालय एवं 66 महाविद्यालय लाभान्वित हुए हैं। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अधीन तकनीकी सहायता समूह का भी गठन किया गया है।