पटना

पटना: पॉलिटेक्निक का रिजल्ट रद्द


नये सिरे से तैयार होगा मेरिट लिस्ट

पटना (विधि सं)। पटना हाई कोर्ट ने सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए निकाले गये रिजल्ट को रद्द कर दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने विनीत कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2017 के संशोधित नियम के रूल 4 (ए) के तहत की गई नियुक्तियों को निरस्त कर दिया। साथ ही साथ कोर्ट ने एआईसीटीयू से मान्यता प्राप्त और स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल इंस्टीट्यूशन्स, बिहार से एफिलिएटेड किसी भी पॉलिटेक्निक संस्थाओं से डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले के मामले में 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए नए सिरे से मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश बिहार राज्य तकनीकी चयन आयोग को दिया है।

विज्ञापन संख्या 01/ 2019 के अंतर्गत निकाले गए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने खंडपीठ ने माना कि राज्य सरकार द्वारा संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किये अभ्यर्थियों को चालीस फीसदी आरक्षण देना गलत था। खंडपीठ ने फिर से मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट देने का आदेश दिया है। इस विज्ञापन के तहत 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/ यांत्रिक/ विद्धुत) की बहाली होनी थी।

याचिककर्ता की वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने बताया कि इस प्रकार से बनाया गया नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 (4) का उल्लंघन है। साथ ही साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीविका के अधिकार को भी प्रभावित करता है। याचिका के जरिये बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा 8 मार्च, 2019 को निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/2019  के  क्लॉज़ 4 (द्ब1)(के) को रद्द करने के लिए कहा गया था।