लखनऊ । विकास के एजेंडे और मोदी-योगी के चेहरे पर भाजपा के रणनीतिकारों को पूरा विश्वास था, लेकिन एक-एक चुनौती को भांपते हुए पूर्वांचल में प्रभावी रहे जातीय समीकरणों को भी गंभीरता से लिया। इसकी काट के लिए न सिर्फ पुराने सहयोगी अपना दल (एस) को साथ रखा, बल्कि 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद साथ आई निषाद पार्टी को भी मनमाफिक सीटें इस बार गठबंधन में दीं।
अपना दल (एस) और निषाद पार्टी दोनों दलों के सहयोग से भाजपा 273 सीटें जीतने में सफल रही है तो मंत्रिमंडल के गठन में इनकी भागीदारी पर मंथन चल रहा है। जातीय समीकरण की तराजू में परिणाम के आधार पर इनके प्रभाव को तौला जा रहा है। उसी के मुताबिक इन दलों से जीते विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, ताकि यह मजबूती 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बनी रहे।
गी सरकार 2.0 के लिए मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया चल रही है। लखनऊ से दिल्ली तक कई दौर की वार्ता प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व के बीच हो चुकी है। इसमें भाजपा के जीते 255 विधायकों में से कितने मंत्री बनेंगे, पिछली सरकार के मंत्री रहे कितने विधायक फिर जगह पाएंगे, इस पर तमाम विमर्श के साथ ही भाजपा नेतृत्व मंत्री पद के लिए गठबंधन दलों के दावे पर भी गंभीर है।