‘टीबी हारेगा-देश जीतेगाÓ अभियान के दूसरे चरण ‘सक्रिय टीबी खोज (एसीएफ) अभियानÓ का शुभारम्भ शनिवार को प्रदेश स्तर पर राज्य मंत्री आनंदीबेन पटेल ने वीडियो कान्फे्रसिंग के माध्यम से एनआईसी में किया। साथ ही एनआईसी में ही जिले स्तर पर दस दिवसीय एसीएफ अभियान की शुरुआत नवांगतुक वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) डाक्टर शशिकांत उपाध्याय ने की। डाक्टर शशिंकात उपाध्याय ने बताया कि अभियान के लिए राज्यपाल के द्वारा जिले के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों से शून्य से १८ वर्ष के टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने की अपील की गयी ताकि वर्ष २०२५ तक ‘टीबी मुक्त भारतÓ के प्रधान मंत्री के सपने को साकार किया जा सके। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डाक्टर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण में चलने वाले एसीएफ कार्यक्रम के लिए जिले के २६८ जगहों (सुहल्ले एवं गांव) चिन्हित किए गए हैं, जिनमें विशेकर मलिन बस्ती एवं उन स्थानों को चिन्हित किया गया है। जहां पूर्व से एमडीआर रोगी अपना उपचार करा रहे हैं जिससे कि उनके सम्पर्क में रहने वालों की स्क्रीनिंग कर क्षय रोगियों की शिनाख्त की जा सके। आवश्यकता होने पर उनके बलगम की जांच माइक्रोस्कोपी एवं सीबी नाट मशीन द्वारा की जाएगी और क्षय रोग पाये जाने पर उनको ४८ घण्टे के अंदर इलाज पर लाया जाएगा