वाराणसी

अब पूर्वांचलमें होगी विंग बीन्सकी खेती


१८ प्रतिशत प्रोटीन, एन्टी आक्सीडेन्ससे भरपूर, पानीमें डूबनेसे भी फसल नहीं होगी खराब
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थानके कृषि वैज्ञानिकों ने एक नयी प्रजाति विंग बीन्स विकसित की है जिसमें १५ से १८ प्रतिशत प्रोटीनका भण्डार है साथ ही एन्टी आक्सीडेन्स के गुणोंसे भरपूर भी है। इसके सेवनसे लोगोंका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
इस पौधेकी विशेषता है कि इसके सभी भागको सब्जी बनाकर खाया जा सकता है। इसकी पत्ती एवं फूल को पालक की सब्जी की तरह बनाकर खाया जा सकता है। सभी औपचारिकता पूरी कर इसे किसानों को उगानेके लिए बीज दिया जायेगा। सब्जी अनुसंधान संस्थानके प्रधान कृषि वैज्ञानिक डाक्टर नगेन्द्र राय तथा विंग बीन्स पर शोध कर रहे राकेश दुबेने बताया कि बिंग बीन्स चार कलर रेड, ग्रीन, डार्क ग्रीन, लाइट ग्रीनमें उपलब्ध होगी। इसे जुलाई माहमें लगाया जा सकेगा। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह खराब मिट्टïीमें भी आसानीसे उगायी जा सकती है यदि फसलमें पानी लग जाता है तो भी यह खराब नहीं होगी। कृषि वैज्ञानिक राकेश दूबे ने बताया कि विंग बीन्स की सब्जी खानेमें लाजबाज है किसान यदि इसकी खेतीको अपनायेंगे तो अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। इस प्रजातिको शीघ्र ही बाजारमें उतार जायगा।