सम्पादकीय

राहतके संकेत


देशके लिए यह राहतकी बात है कि पिछले कई दिनोंसे कोरोनाके नये मामलोंकी संख्या तीन लाखके आस-पास है और ठीक होनेवाले मरीजोंकी संख्या नये संक्रमितोंसे अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालयकी ओरसे शनिवारको जारी ताजे आंकड़ोंके अनुसार पिछले २४ घण्टोंमें तीन लाख २६ हजार ९८ नये मामले सामने आये जबकि इसी अवधिमें तीन लाख ५३ हजार २९९ मरीज संक्रमणसे मुक्त हुए हैं। सक्रिय मरीजोंकी संख्या भी ३७ लाखसे नीचे ३६ लाख ७३ हजार ८०२ पर आ गयी है। मृतकोंकी संख्या अवश्य चिन्ताजनक है। इस अवधिके दौरान ३८९० लोगोंकी मृत्यु हुई है। वैसे देशमें कोरोनासे ठीक होनेवालोंकी संख्या दो करोड़ ३२ हजार ८९८ पर पहुंच गयी है। चुनौतियोंके बीच राहतकी उम्मीदें भी बढ़ी हैं। देशके १८ राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशोंमें संक्रमण काबूमें है। इनमें महाराष्टï्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंधप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, तेलंगाना, जम्मू, गोवा, चण्डीगढ़ और लद्दाख शामिल हैं। नौ राज्योंमें हालात चिन्ताजनक है। इनमें केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और मणिपुर शामिल हैं। इन राज्योंमें सख्त पाबन्दियां लगायी गयी हैं। पश्चिम बंगालमें १६ मईसे ३१ मईतक पूर्ण लाकडाउन लगाया गया है, जो जरूरी भी हो गया था। संक्रमणके मामलोंमें लगातार कमी सम्भवत: दूसरी लहरके चरम बिन्दु (पीक) पार किये जानेका संकेत है। आईआईटीका माडल यही प्रदर्शित कर रहा है कि दूसरी लहरकी पीक निकल चुकी है। आईआईटी कानपुरके प्रोफेसर मनिन्दर अग्रवालका मानना है कि संक्रमणमें गिरावटकी प्रवृत्ति पीक निकलनेका संकेत है लेकिन हमें इसे सुनिश्चित करनेके लिए कुछ और दिन आंकड़ोंपर नजर रखनी होगी। आईआईटी माडलने मई मध्यमें पीक निकलनेकी सम्भावना व्यक्त की थी और वर्तमान प्रवृत्तियोंसे इस सम्भावनाको बल मिल रहा है। लेकिन केन्द्र सरकार अभी कोई जोखिम उठानेके पक्षमें नहीं है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने शनिवारको कोरोनाकी मौजूदा स्थिति और उससे उत्पन्न चुनौतियोंपर विचार करनेके लिए उच्चस्तरीय बैठक की। टीकाकरणको तेज गति देनेके रास्तेमें उत्पन्न बाधाओंको कैसे दूर किया जाय, इसपर भी विचार किया गया। वैसे रूसका स्पूतनिक-वी टीका भी देशके बाजारमें आ गया है, जो राहतकी बात है। लोगोंने इसका टीका लगवाना शुरू कर दिया है। अभी इसका मूल्य ९९५ रुपये प्रति खुराक है लेकिन देशमें उत्पादन शुरू होनेपर इसका मूल्य भी कम हो सकता है।

घिनौनी हरकत

ऐसे समय जब कोरोना संक्रमणकी भयावह स्थितिसे जूझ रहे भारतको हर तरहकी मददके लिए विश्वके ४२ देशोंने आगे कदम बढ़ाया है वहीं पाकिस्तानका भारतमें आतंकी गतिविधियोंको धार देनेकी कोशिश उसकी विकृत मानसिकताको दर्शाती है। पाकिस्तानने आतंकियोंको हथियार पहुंचानेके लिए शुक्रवारको कश्मीरके सांबा सेक्टरमें ड्रोनसे हथियार गिराये जिसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानोंने हथियारोंको आतंकियोंके हाथोंमें पहुंचनेसे पहले ही बरामद कर पाकिस्तानकी नापाक साजिशको नाकाम कर दिया। हथियारोंके गिराये जानेकी खुफिया इनपुट मिलनेपर बीएसएफके जवानोंने सघन अभियान चलाया था। ये हथियार भारतीय क्षेत्रमें करीब २५० मीटर अन्दर आकर गिराये गये थे। बरामद हथियारोंमें एके-४७ राइफल, एक नौ एमएम पिस्तौल, पिस्तौलकी एक मैगजीन एवं १५ गोलियां थीं। हथियारोंके बरामदगीके साथ ही बीएसएफने पाकिस्तानसे सटे सभी इलाकोंको खंगालनेकी मुहिम तेज कर दी है। सीमावर्ती क्षेत्रोंमें सक्रिय देश विरोधी तत्वोंकी पहचानके लिए सख्त कदम उठाये गये हैं। पाकिस्तानका भारतीय क्षेत्रमें आतंकियोंके लिए हथियार गिरानेकी यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी बीएसएफ सीमासे सटे सांबा-कठुआ जिलोंमें इस तरहके हथियार पकड़ चुकी है। इसके अलावा पूर्वमें पंजाब सीमापर भी ड्रोनसे हथियार गिराये जा चुके हैं। सांबा क्षेत्र आतंकियोंके लिए जितना मुफीद है वहीं भारतके लिए बेहद संवेदनशील है। इस क्षेत्रमें कड़ी निगरानी रखनेकी जरूरत है। पिछले दिनों इसी क्षेत्रमें घुसनेका प्रयास कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठियेको सीमा प्रहरियोंने मार गिराया था। पिछले साल यहींके रेगाल क्षेत्रमें सेनाने पाकिस्तानके सुरंगका पता लगाया था। इस क्षेत्रमें निगरानी तंत्रको और मजबूत करनेकी जरूरत है। कोरोना संकटकी इस घड़ीमें पाकिस्तानकी इस तरहकी घिनौनी हरकतकी चहुंओर निन्दा की जानी चाहिए।