नसीराबाद (रायबरेली)। ‘अर्जुन की हत्या के मास्टरमाइंड को पुलिस अधीक्षक बचा रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। मृतक के परिवार को न्याय अवश्य मिलेगा।’ यह बातें सिसनी भुवालपुर में हुई अर्जुन सरोज की हत्या के बाद मंगलवार को मृतक के परिवारजन से मिलने गांव आए लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं।
मृतक के परिवारजन से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा कि अर्जुन की मां ने बताया कि उनका छोटा बेटा नाई की दुकान चलाता है। छह-सात लोग आए उसकी दुकान पर और बाल कटाने के बाद पैसे नहीं दिए। अर्जुन की हत्या के पूर्व भी युवा दुकान पर आए और बिना पैसे दिए जाने लगे तो अर्जुन के भाई ने उनसे पैसे देने की बात कही, जिसके बाद अर्जुन की हत्या कर दी गई। नेता विपक्ष ने कहा कि यह साफ है कि परिवार के साथ, समाज के साथ अन्याय हुआ है। यह सारे लोग जो यहां एकत्रित हैं, न्याय मांग रहे हैं, क्योंकि परिवार को धमकाया गया है।
एसपी पर लगाया मास्टरमाइंड को बचाने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि एक व्यक्ति को जान से मारा गया है और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जो मास्टरमाइंड है, जिन्होंने घटना कराया है, उनपर कार्रवाई नहीं हो रही है। रायबरेली के एसपी यहां के मास्टरमाइंड पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, यही कारण है कि लोग नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए मैं यहां आया हूं। जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, हम इस मामले को छोड़ने वाले नहीं हैं। इस दौरान मौजूद भीड़ राहुल गांधी जिन्दाबाद व अर्जुन के हत्यारों को फांसी दो के नारे लगा रही थी।
‘अर्जुन की हत्या के मास्टरमाइंड को पुलिस अधीक्षक बचा रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। मृतक के परिवार को न्याय अवश्य मिलेगा।’
राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे। अर्जुन के परिवारवालों से मुलाकात की।
नसीराबाद के सिसनी भुवालपुर गांव में 11 अगस्त की रात अर्जुन की गोली मारकर हत्या…
11 अगस्त को अर्जुन की गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
बता दें कि 11 अगस्त की रात गांव निवासी अर्जुन सरोज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। युवक की हत्या के बाद परिवारजन, कई संगठनों समेत ग्रामीणों ने गांव में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर कलेक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया। मामले में मृतक की मां की तहरीर पर पुलिस ने सात नामजद समेत 12 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें से छह आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपित विशाल सिंह अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है।