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रैना-धवन की ११.१४ करोड़ की संपति कुर्क


ईडी की मनी लान्ड्रिंग मामलेमें बड़ी काररवाई
नयी दिल्ली (आससे.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को १ इन्टू बीईटी मनी लान्ड्रिंग मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन की ११.१४ करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अस्थायी रुप से जब्त कर ली। ईडी के अनुसार यह काररवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) २००२ के तहत की गयी है। ईडी ने बताया कि इस कुर्की में सुरेश रैना के नाम पर ६.६४ करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड निवेश और शिखर धवन के नाम पर ४.५ करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब क्रिकेट जगत में खिलाड़ियों की वित्तीय गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जांच में ईडी को पता चला कि धवन और रैना ने जानबूझकर विदेशी कंपनियों के साथ एंडोर्समेंट समझौते किए थे। ये कंपनियां १ इन्टू बीईटी और उससे जुड़ी अन्य ब्रांडों का प्रचार कर रही थीं। ईडी का आरोप है कि ये प्रचार गतिविधियां भारत में अवैध आनलाइन सट्टेबाजी सेवाएं चलाने या बढ़ावा देने वाली कंपनियों से जुड़ी थीं। यह जांच १ इन्टू बीईटी नामक सट्टेबाजी पोर्टल के खिलाफ चल रही बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। यह वेबसाइट क्यूराकाओ में पंजीकृत है और खुद को १८ साल से अधिक के अनुभव वाला एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त सट्टेबाज बताती है। इस मामले में ईडी ने कई अन्य जानी-मानी हस्तियों से भी पूछताछ की है। इनमें पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और राबिन उथप्पा, अभिनेता सोनू सूद और उर्वशी रौतेला, पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती और बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा शामिल हैं। उनसे सट्टेबाजी प्लेटफार्म और उसके सहायक ब्रांडों के साथ उनके प्रचार संबंधी जुड़ाव के बारे में पूछा गया। ईडी वित्तीय लेनदेन, एंडोर्समेंट सौदों और प्रचार अभियानों की जांच कर रही है। इसका मकसद विदेशी संस्थाओं से भारतीय खातों में धन के प्रवाह का पता लगाना है। ईडी यह जानने की कोशिश कर रही है कि पैसा कहां से आया और कहां गया। यह मामला दिखाता है कि कैसे आनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्म प्रचार के लिए मशहूर हस्तियों का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद ईडी ऐसे मामलों में मनी लान्ड्रिंग की जांच करती है। यह काररवाई अवैध सट्टेबाजी के खिलाफ सरकार के कड़े रुख को दर्शाती है।
जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग केस में ईडी का छापा


नयी दिल्ली (आससे.)। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में पूर्व मंत्री बाबू सिंह के ठिकानों सहित कई जगहों पर नार्को टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में छह और जम्मू में दो ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई की जा रही है। सबसे पहले मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। मोहम्मद शरीफ शाह नाम के एक व्यक्ति को कश्मीर से जम्मू में जतिंदर सिंह उर्फ बाबू सिंह नामक व्यक्ति को 6.9 लाख रुपए हवाले के जरिए भेजते हुए पकड़ा गया था। उन्होंने कहा कि इस इस रकम का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के रूप में किया जाना था। एजेंसियों को सैफ दीन, फारूक अहमद नाइकू, मुबाशिर मुश्ताक फाफू से जुड़ा एक ग्रुप मिला, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गे आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु एक नार्को-टेरर मॉड्यूल चला रहे थे।
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