वाशिंगटन: अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीयों के लिए आज का दिन खुशखबरी लेकर आया है जब अमेरिकी संसद में ‘अमेरिकी नागरिकता बिल 2021’ को पेश किया गया है। इस बिल के पास हो जाने पर अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस बिल के पेश होने के साथ ही रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए किसी भी देश के प्रवासियों की संख्या सीमित करने पर पहले लगाई गई रोक खत्म हो जाएगी और अमेरिका में रहने वाले दूसरे देशों के नागरिकों को ग्रीन कार्ड मिल सकेगा।
भारतीयों को डबल तोहफा
अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीयों के साथ H-1B वीजा आश्रितों के अमेरिका में रहकर काम करने की इजाजत ‘अमेरिकी नागरिकता बिल 2021’ से मिल जाएगी। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में इस वक्त करीब 5 लाख ऐसे भारतीय रहते हैं, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं और इस कानून के बनने के बाद उनके लिए नागरिकता के दरवाजे भी खुल जाएंगे। अमेरिका में रहकर साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में काम करने वाले लाखों भारतीय प्रोफेशनल्स को भी इस बिल के कानून बनने के बाद लाभ मिलेगा। अमेरिका में जो बाइडेन सरकार बनने के बाद नागरिकता कानून को लेकर जल्द फैसला होने की उम्मीद लगाई जा रही थी और अब संसद में नागरिकता बिल पेश किया जा चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही ये बिल कानून का रूप भी ले लेगा।
भारतीय डिग्रीधारकों का अमेरिका में रहना होगा आसान
अमेरिकी संसद में ‘अमेरिकी नागरिकता बिल 2021’ को पेश कर दिया गया है और अमेरिका के दोनों सदनों हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट में पास होने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास भेजा जाएगा और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ‘अमेरिकी नागरिकता बिल 2021’ कानून बन जाएगा। इस कानून के बाद अमेरिका में बिना दस्तावेज अमेरिका में वैध तरीके से आये लाखों लोगों को अमेरिकी नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। अमेरिकी सीनेटर बॉब मेनेंडेज और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव सदस्य लिंडा सांचेज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ‘अमेरिकी नागरिकता बिल 2021’ कानून में आव्रजन सुधार का प्रावधान भी किया जाएगा।
माना जा रहा है कि इस कानून के बनने के बाद सबसे ज्यादा फायदा भारतीय और चीनियों को होगा। ग्रीन कार्ड के लिए पिछले 10 साल से ज्यादा वक्त से इंतजार कर रहे भारतीयों को अब अमेरिका की नागरिकता बेहद आसानी से मिल जाएगी। अमिरकी राष्ट्रपति जो बाइड़ेन ने शपथ लेने के बाद 20 जनवरी को ही इस विधेयक को संसद के लिए भेज दिया था जिसके तहत रोजगार आधारित लंबित वीजा को भी मंजूरी दी जाएगी।