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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता, कहा- यह हमें परेशान कर रहा है


वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार बदलते जलावायु परिवर्तन पर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अब जलवायु परिवर्तन रोजमर्रा की जिंदगी में हमें विभिन्न कोणों के साथ नुकसान पहुंचा रहा है।

जलवायु परिवर्तन पर व्यक्त की चिंता

विश्व बैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘मेकिंग इट पर्सनल: हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज’ पर पैनल चर्चा के दौरान सीतारमण ने कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में जलवायु परिवर्तन हमें विभिन्न कोणों के साथ नुकसान पहुंचा रहा है।

LiFE एजेंडे पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?

वित्त मंत्री से सवाल किया गया कि भारत कैसे LiFE एजेंडे को लागू करता है, इसके उत्तर में उन्होंने कहा कि “बार-बार अनुनय करना, बार-बार बोलना और उन मुद्दों के बारे में बोलना जो आपको लगता है कि सामान्य हैं, लेकिन उन लोगों द्वारा बार-बार बोलना जो पदों पर हैं, जो लोग जिम्मेदार हैं और उन लोगों द्वारा जो वास्तव में ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।”

क्या है लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट का उद्देश्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LiFE) पहल का उद्देश्य पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थायी जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

LiFE पहल की योजना आसपास के जलवायु के सामाजिक मानदंडों को प्रभावित करने के लिए सामाजिक नेटवर्क की ताकत का लाभ उठाने की योजना है। यह योजना व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और पोषित करने की रणनीति तैयार कर रहा है, जिसका नाम ‘प्रो-प्लैनेट पीपल’ (P3) है। इसके जरिए पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने और बढ़ावा दिया जाएगा।

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी हुई चर्चा

सीतारमण ने शुक्रवार को डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर भी विस्तार से बात की। वॉशिंगटन में डीपीआई पर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ कैसे काम कर सकते हैं, इस पर आईएमएफ द्वारा आयोजित “इंडियाज डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर – स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स” में एक मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि कई व्यापक आर्थिक और महामारी संबंधी कठिनाइयों के कारण वर्तमान समय में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को लाभान्वित करने के लिए डीपीआई की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।

वित्त मंत्री ने गिनवाए डीपीआईएम के फायदे

उन्होंने आगे कहा कि “जैसा कि हम मैक्रोइकॉनॉमिक्स और महामारी से संबंधित कई चुनौतियों से निपट रहे हैं। ऐसे में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में डीपीआई की योगदान करने की क्षमता बहुत बड़ी है और कठिन समय में भी देश के विकास पथ को बदल सकती है। भारत में, पिछले कुछ वर्षों के दौरान, हमने देखा है कि कैसे डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर) नवीन तरीकों के माध्यम से टारगेट प्रोम्पट, कुशल और समावेशी सेवा वितरण में योगदान कर सकता है।