भारत भारती परिषद के तत्वावधान में अग्रवाल भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिवस पर बसंत चतुर्वेदी शास्त्री जी वृंदावन ने आनंदकंद भगवान श्रीकृष्ण के कीर्तन मधुर बाल लीलाओं का बड़ा ही सरस वर्णन किया गया। पूतना वध, शकट भजन नामकरण तथा श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीलाओं का अत्यंत प्रभावशाली चित्रण हुआए भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला सुनकर सभी श्रोता भावविभोर हुए, श्री यशोदा जी के प्रेम से भगवान उखल में भी बधे और उनका नाम दामोदर पड़ा वृंदावन में गाय चराते हुए श्रीकृष्ण ने बकसासुर, बकासुर का उद्धार किया। कुशटी भक्ति रूप श्री यमुना जी से काली नाग को बाहर निकाला, जगतगुरु महाप्रभु वल्लभाचार्य चरण अपने अंतरंग वैष्णव को युगल गीत वेणु गीत की मधुर कथा प्रतिदिन सुनाते थेए भगवान की उस वेणु माधुरी का भी वर्णन किया। भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा इंद्र के यज्ञ का निरादर कर श्री गिरिराज गोवर्धन की पूजा आरंभ कराई तथा इंद्र की वर्षा से दुखी भक्तों की रक्षा हेतु ७ दिन ७ रात्रि तक गोवर्धन पर्वत को अपने श्रीहसत पर धारण किया। मनोरथी अशोक बल्लभ दास अग्रवाल, संयोजक दीपक अग्रवाल ने सभी को साधुवाद प्रदान किया। मुख्य यजमान श्री दिनेश यादव ने कथा में विराजमान आचार्य दिनेश शुक्ल पालनदे जी का पूजन किया, संतोष अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, सभापति काशी अग्रवाल समाज, संयोजक दीपक अग्रवाल, संजय गिर्राज, संजय राजादरवाजा, राकेश दुबे ,राकेश तिवारी सहित काफी संख्या में श्रद्घालु उपस्थित थे।
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