पटना

संस्कृत के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना ही नही की जा सकती है : रेणु


जाले (दरभंगा)(आससे)। संस्कृत भारती बिहार न्यास के तत्त्वावधान में दस दिवसीय आभासिक संस्कृत सम्भाषण वर्ग  का बुधवार को समापन किया गया। 6 से 16 जून तक आयोजित इस ऑनलाइन संस्कृत सम्भाषण वर्ग में कुल 1296 लोगों ने पंजीयन कराकर प्रशिक्षण प्राप्त किया।

संस्कृत भारती बिहार प्रान्त के तत्त्वावधान में बुधवार को सम्पूर्ति समारोह में मुख्यातिथि बिहार के डिप्टी सीएम रेणु देवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्कृत के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। संस्कृत भारती द्वारा बिहार में संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये जा रहे कार्यों का भूरिश: प्रशंसा करते हुए संस्कृत के विकासार्थ हरसम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया।

मुख्यवक्ता संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संघटन मंत्री दिनेश कामत ने कहा कि पूर्व की भांति पुनः बिहार में प्राथमिक कक्षा से संस्कृत भाषा की पढ़ाई शुरू होनी चाहिए। उन्होंने उपमुख्यमन्त्री रेणु देवी के समक्ष नूतन शिक्षा-2020 में तृतीया कक्षा से संस्कृत पढ़ाने की बात को स्मरण दिलाते सरकार से क्रियान्वयन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में  बिहार सरकार द्वारा उर्दू एवं बंगाली भाषा के लिए पृथक से टेट परीक्षा ली परंतु संस्कृत के अभ्यर्थियों को इससे वंचित कर दिया गया। जो वस्तुतः चिन्तनीय है। यदि सरकार संस्कृत भाषा के लिए टेट परीक्षा ही आयोजित नहीं करेगी फिर संस्कृत जानने वाले को  शिक्षक वृत्ति कैसे प्राप्ति हो सकेगी।

उन्होने कहा कि इन्टर कक्षा में यहां के छात्र संस्कृत भाषा पढ़ना चाहते है परंतु अधिकांश इन्टर विद्यालयों में शिक्षकों का पद रिक्त होने से लोग नही पढ़ पा रहे है। दोपहर 4 बजे शुरु हुई ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत श्रुतिधारा मिश्रा के वैदिक मंगलाचरण से हुई। सरस्वती वन्दना भारतीश्री ने की। ध्येय मन्त्र अनुजा एवं नीतू तिवारी ने संयुक्तरूप से किया। वर्ग वृत्तम् संस्कृत भारती उत्तर बिहार के संघटन मंत्री विवेक कौशिक ने प्रस्तुत किया।

वहीं दस दिनों के संस्कृत शिबिर में प्राप्त अनुभव को अतिथियों के समक्ष आमोद कुमार,मणिता मिश्रा,दिवाकर राय एवं वैष्णवी ने सुनाया। एकल गीत प्रशांत सौरभ ने संस्कृत में सुनाया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत भारती बिहार के सम्पर्क प्रमुख डॉ. दिप्तांशु भास्कर तथा धन्यवाद ज्ञापन सह मन्त्री डॉ. रामेश्वरधारी सिंह ने किया।

कार्यक्रम में डॉ. रामसेवक झा, स्नेहा झा के कल्याण मन्त्र से समारोह की समाप्ति हुई। कार्यक्रम में क्षेत्र मन्त्री प्रो.श्रीप्रकाश पाण्डेय, प्रान्त मन्त्री डॉ. रमेश कुमार झा, डॉ. त्रिलोक झा दरभंगा जिला संयोजक, शिक्षण प्रमुख देव निरंजन, अभिषेक द्विवेदी, सहित सभी प्रशिक्षकगण उपस्थित थे।