नई दिल्ली। कोरोना से जंग में संभावित गेम चेंजर के रूप में देखी जा रही भारत बायोटेक की नाक से ली जाने वाली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन इनकोवैक के दाम केंद्र ने मंगलवार को तय कर दिए। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह नेजल वैक्सीन निजी अस्पतालों में 800 रुपये और सरकारी अस्पतालों में 325 रुपये में मिलेगी। इस पर जीएसटी अलग से देना होगा।
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिल सकती है नेजल वैक्सीन
बता दें कि सतर्कता डोज कम लगने के कारण सरकार इसे सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। इनकोवैक वैक्सीन जनवरी के चौथे सप्ताह में उपलब्ध हो जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि नेजल वैक्सीन आने से सतर्कता डोज अभियान को नई गति मिलेगी। अलग प्लेटफार्म और अलग तरीके से तैयार यह नेजल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में अहम साबित हो सकता है। नाक से लेने कारण यह वैक्सीन ऊपरी श्वसन तंत्र में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में समर्थ होगी, जो व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाएगा।
कोरोना को मात देने में मिलेगी मदद
दुनिया में कोरोना की नई लहर को देखते हुए सरकार इसे कोरोना टीकाकरण अभियान में शामिल करेगी और साथ ही सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है, लेकिन गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सतर्कता डोज अभी तक सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 75 दिन के लिए चले विशेष अभियान के दौरान ही मुफ्त में दिया गया था। नेजल वैक्सीन के लिए भी इसी तरह का विशेष अभियान चलाया जा सकता है।
नेजल वैक्सीन सुरक्षित और कारगर
नेजल वैक्सीन को तीन चरणों के ट्रायल की पूरी प्रक्रिया में सुरक्षित और कारगर पाया गया है। देश में 14 जगहों पर इसका ट्रायल किया गया, जिसमें 3100 लोग शामिल हुए। सुरक्षा और कारगरता में सही पाए जाने के बाद नवंबर में ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने इसे मंजूरी दे दी थी। यह वैक्सीन ऐसे किसी भी व्यक्ति को दी जा सकती है जो कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक किसी भी वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी है। नाक से ड्राप के जरिये दी जानी वाली इनकोवैक वैक्सीन कोई भी वैक्सीन ले चुके लोगों पर कारगर होगी।
भारत बायोटेक के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन डा. कृष्णा इल्ला ने कहा कि भारत के पास सतर्कता डोज के लिए एक और बेहतर विकल्प मिल गया है। इस वैक्सीन से बड़ी तादाद में एक साथ लोगों का इम्यूनाइजेशन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन को वाशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।
ये जानना जरूरी:
- यह नेजल वैक्सीन सतर्कता डोज के रूप में काम करेगी। नाक में ड्राप के माध्यम से इसकी दो बूंदें डाली जाएंगी।
- कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो डोज ले चुके लोग इसे सतर्कता डोज के तौर पर ले सकेंगे।
- जो लोग पहले ही सतर्कता डोज ले चुके हैं, उन्हें यह डोज नहीं दी जाएगी।
- निजी अस्पतालों को प्रति डोज 150 रुपये का एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज लगाने की भी अनुमति
अभी केवल 27 प्रतिशत लोगों ने सतर्कता डोज ली है जबकि 97 प्रतिशत लोग पहली और 90 प्रतिशत लोग दूसरी डोज ले चुके हैं। इसलिए नेजल वैक्सीन ज्यादा कारगर नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन श्वसन प्रणाली के ऊपरी हिस्से (नाक और गला) में प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करती है। यह संक्रमण से बचाने का काम करती है। परंपरागत वैक्सीन यानी मांसपेशियों में सुई से दी जाने वाली वैक्सीन श्वसन प्रणाली के निचले भाग (फेफड़ा) में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है। यह संक्रमण रोकने में सक्षम नहीं होती, बल्कि संक्रमण को गंभीर होने से बचाती है।