सैकड़ो एकड़ में लगे धान के बिचड़े एवं अन्य फ़सलें डूबी
पानापुर (सारण)। पानापुर मशरक प्रखंड की सीमा से गुजरनेवाली घोघारी नदी पर रसौली गांव में बना जमींदारी बांध अत्यधिक पानी का दबाव नही सह सका एवं मंगलवार की सुबह ध्वस्त हो गया। जमींदारी बांध टूटते ही घोघारी नदी का पानी तेजी से रसौली एवं बकवा पंचायत के गांवों में फ़ैलने लगा जिससे लोगो मे अफ़रातफ़री मच गयी। रसौली, धनौती, बकवा, पानापुर आदि गांवों के निचले इलाकों में लगे धान के बिचड़े सहित अन्य फ़सलें पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश के कारण पहले ही डूबी थी।
वहीं जमींदारी बांध के टूटने के कारण ऊंचे स्थानों पर लगी फ़सलो के डूबने का भी अंदेशा हो चला है। लगातार हो रही बारिश एवं जून माह में ही ऊनाई घोघारी नदी की भयावहता से ग्रामीण आनेवाले दिनों को लेकर अभी से ही सशंकित है। ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में पानी तेजी से फ़ैल रहा है जिससे अब मवेशियों के लिए चारे की समस्या भी उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ की आशंका से निचले इलाकों में बसे ग्रामीण अब विस्थापन की तैयारी में जुटे हैं।
रसौली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि चंवर में कृषि कार्य को गति देने एवं रिहायशी इलाकों से जलनिकासी के लिए जमींदारी बांध का निर्माण हुआ था। लेकिन विगत के वर्षों से यह किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। गत वर्ष भी जमींदारी बांध ध्वस्त हो गया था जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फ़सले जलमग्न हो गयी थी।
ग्रामीणों ने बताया कि जमींदारी बांध की मरम्मती के लिए स्थानीय सांसद, विधायक एवं मुखिया से कई बार गुहार लगायी गयी लेकिन इसकी मरम्मती नही हो पायी। स्थानीय स्तर पर बांध की मरम्मती करायी गयी थी जो नाकाफ़ी साबित हुआ। हर साल घोघारी नदी पर स्थानीय स्तर पर बांध की मरम्मती करायी गयी थी जो नाकाफ़ी साबित हुआ। हर साल घोघारी नदी का कहर झेल रहे ग्रामीण जमींदारी बांध की उपेक्षा से काफ़ी आक्रोशित हैं।
जमींदारी बांध टूटने की खबर मिलते ही एसडीओ मढ़ौरा विनोद कुमार तिवारी, पानापुर बीडीओ मो. सज्जाद, सीओ रणधीर प्रसाद रसौली पहुँचे एवं बांध का निरीक्षण किया। एसडीओ श्री तिवारी ने बताया कि जल संसाधन विभाग को बांध टूटने की सूचना दे दी गयी है। बहुत जल्द इसकी मरम्मती कर दी जाएगी।