- एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को कहा कि इसकी प्रारंभिक जांच (पीई) में पाया गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख अन्य के खिलाफ एक प्रथम दृष्टया ‘संज्ञेय अपराध’ सामने आया है, जो कथित भ्रष्टाचार सत्ता के दुरुपयोग से संबंधित है. सीबीआई ने कहा कि देशमुख कुछ अज्ञात अन्य लोगों ने अपने सार्वजनिक कर्तव्य के अनुचित बेईमान प्रदर्शन के साथ अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया. इस महीने की शुरूआत में बंबई हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे, जिसकी बाद एजेंसी प्रारंभिक जांच में जुटी है. पीई में यह भी पाया कि गिरफ्तार-निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे, जिन्हें 15 साल से अधिक समय तक सेवा से बाहर रहने के बाद मुंबई पुलिस में बहाल कर दिया गया था, उन्हें मुंबई पुलिस के अधिकांश सनसनीखेज महत्वपूर्ण मामले सौंपे गए थे. इसके बारे में देशमुख को भी पता था.
पीई के आधार पर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में, इसने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा दायर रिट याचिका का उल्लेख किया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि कैसे तत्कालीन गृह मंत्री (देशमुख) अन्य ने स्थानांतरण पोस्टिंग को लेकर पद का दुरुपयोग किया अनुचित प्रभाव डाला. इसे देखते हुए सीबीआई के डीएसपी आर. एस. गुंजियाल ने सिफारिश की कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत देशमुख अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
एफआईआर के अनुसार, सीबीआई डीएसपी मुकेश कुमार को मामले की जांच आगे बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है. सीबीआई ने शनिवार सुबह देशमुख के नागपुर स्थित घर महाराष्ट्र के कई शहरों में स्थित अन्य परिसरों पर छापेमारी की मामले के सिलसिले में उनसे आठ घंटे तक पूछताछ भी की. जांच से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की है विभिन्न स्थानों पर तलाशी चल रही है.