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सुप्रीम कोर्ट ने AIFF के प्रबंधन के लिए गठित CoA को रद किया, कहा- भारत में होना चाहिए अंडर-17 फीफा विश्व कप


नई दिल्ली, । अंतरराष्ट्रीय फुटबाल को संचालित करने वाली संस्था फीफा (FIFA) द्वारा अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (All India Football Federation) को निलंबित किए जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने एआईएफएफ के प्रबंधन के लिए गठित सीओए को रद कर दिया।

निलंबन को रद्द करने के लिए आदेश पारित

कोर्ट का कहना है कि वह फीफा द्वारा एआईएफएफ के निलंबन को रद्द करने और भारत में अंडर -17 फीफा विश्व कप आयोजित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारत की टीमों की भागीदारी की अनुमति देने के लिए आदेश पारित कर रहा है।

सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि फीफा ने इलेक्टोरल कालेज पर चिंता व्यक्त की है। हमारा रुख था कि खिलाड़ियों को वोट देने वाली कार्यकारी समिति का हिस्सा होना चाहिए और अभी हम प्रस्ताव करते हैं कि निर्वाचित कार्यकारी निकाय में 25% प्रख्यात खिलाड़ी होंगे।

सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को बरकरार रखने से संबंधित फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत है।

कोर्ट ने एसजी से किया सवाल

कोर्ट ने पूछा है कि क्या CoA ने आज काम करना बंद कर दिया, तो आज से लेकर विश्व कप तक प्रशासन कौन संभालेगा? इस पर एसजी मेहता का कहना है कि अगर सीओए का अस्तित्व समाप्त हो जाता है तो महासचिव कार्य कर सकते हैं।

‘फीफा ने दो वर्षों में कभी हस्तक्षेप नहीं किया’

वहीं, सीओए की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फीफा ने पिछले दो वर्षों में कभी हस्तक्षेप नहीं किया जब एआईएफएफ में संविधान का पालन नहीं किया जा रहा था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सभी ने यहां बदलावों के लिए सहमति व्यक्त की, लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ हमारी पीठ पीछे फीफा के पास चले गए और कहा कि यह बिना मान्यता के किया जा रहा है।

इससे पहले, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सीओए को 23 अगस्त के अंत तक अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (AIFF) के लिए अंतिम मसौदा संविधान अदालत को सौंपने का निर्देश दे और उस दिन से सीओए के आदेश को पूर्ण रूप से समाप्त घोषित कर दिया जाए।

सीओए के कार्यकाल को समाप्त करने का आग्रह

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से प्रशासकों की समिति (सीओए) के कार्यकाल को समाप्त करने का आग्रह किया और निर्देश दिया कि एआईएफएफ के दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन को एआईएफएफ प्रशासन द्वारा कार्यवाहक महासचिव के नेतृत्व में देखा जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- निलंबन को हटाने के लिए उठाएं कदम

कोर्ट ने 17 अगस्त को सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए थे, के अनुरोध पर निलंबन से संबंधित याचिका पर सुनवाई आज यानी 22 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र से अंडर 17 विश्व कप के आयोजन को सुनिश्चित करने और अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (AIFF) के निलंबन को हटाने के लिए सक्रिय कदम उठाने को कहा था। कोर्ट ने कहा कि हमारा जोर इस बात पर है कि देश में अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन हो।

16 अगस्त को फीफा ने AIFF को किया सस्पेंड

बता दें, सोमवार यानी 16 अगस्त की देर रात, विश्व फुटबाल शासी निकाय फीफा ने घोषणा की, कि उसने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फीफा ने थर्ड पार्टी के अनुचित प्रभाव का हवाला देते हुए AIFF को सस्पेंड किया है।

महिलाओं के अंडर-17 वर्ल्ड कप पर पड़ेगा निलंबन का असर

  • AIFF के सस्पेंड होने का असर भारत में होने वाले महिलाओं के अंडर-17 वर्ल्ड कप पर भी पड़ा है।
  • अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में 11 से 30 अक्टूबर के बीच होना था।
  • निलंबन का मतलब है कि कोई भी भारतीय टीम, क्लब या देश अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल सकता है।
  • फीफा ने एक बयान में कहा, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव, जो फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है, के कारण AIFF को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है।’
  • यह पहली बार है जब फीफा ने अपने 85 साल के अस्तित्व में अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ पर प्रतिबंध लगा दिया है।

केंद्र सरकार ने फीफा के साथ उठाया निलंबन का मुद्दा

भारत के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता के मुताबिक, केंद्र सरकार ने फीफा के साथ अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के निलंबित किए जाने का मुद्दा उठाया है। प्रशासकों की समिति ने भी फीफा अधिकारियों के साथ चर्चा में रचनात्मक भूमिका निभाई है।