पटना (आअसे)। सीबीआई के विशेष न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत में सृजन घोटाले से संबंधित एक नया मामला आरसी १०(एस)/२१ सीबीआई ने दर्ज किया। उक्त मामले में सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा, आरपी रोड भागलपुर, इण्डियन बैंक, पटेल बाबू रोड, भागलपुर, बैंक ऑफ इंडिया शाखा त्रिवेणी अपार्टमेंट, खलीफाबाद, आरपी रोड भागलपुर एवं सृजन संस्था सबौर, भागलपुर के अध्यक्ष, सचिव व कर्मियों को गबन का दोषी पाते हुए अभियुक्त बनाया है।
सीबीआई ने अपनी प्रारंभिक जांच में यह पाया कि बैंक के तत्कालीन पदाधिकारी व कर्मी सृजन संस्था के कर्मियों से आपसी षड्यंत्र करके अप्रैल २००७ से जुलाई २०१७ के मध्य कुल १५६ विपत्र/बैंकर्स चेक/चेक के माध्यम से विभिन्न तिथियों पर ९९ करोड़ ८८ लाख ६९ हजार ८३० रुपयों को सृजन के खाते में अवैध रूप से हस्तांतरण किया। तत्पश्चात उक्त सरकारी राशि का गबन किया।
ऑडिट के क्रम में यह मिला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ११० विपत्र व चेक के माध्यम से ९९ करोड़ ८८ लाख ६९ हजार ८३० रुपये, इण्डियन बैंक से ३३ विपत्रों व चेक से १० करोड़ ६० लाख ५८ हजार ४०० रुपये व बैंक ऑफ इंडिया के ११ विपत्रों व चेक के माध्यम से २ करोड़ ९१ लाख ३३ हजार ७१२ रुपये तत्कालीन बैंककर्मियों व सृजन संस्था के कर्मियों द्वारा जालसाजी कर अवैध तरीके से हस्तांतरण कर सरकारी राशि का गबन किया गया। सीबीआई ने उक्त मामले में भादवि की धारा १२०बी, ४०९, ४२०, ४६७, ४६८ व ४७१ में मामला दर्ज किया है।
विदित है कि सृजन घोटाला के संबंध में सीबीआई ने अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। दो दर्जन से अधिक मामले में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है। सीबीआई कई बैंक अधिकारियों, मैनेजर, भागलपुर के कई सरकारी कर्मचारी और सूजन महिला विकास समिति के मैनेजर व कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर चार्जशीट कर चुकी है।
सीबीआई कोर्ट ने सृजन घोटाले के एक मामले के आरोपित ऑडिटर पुर्णेन्दु कुमार की नियमित जमानत खारिज कर दी है। आरोपित पुर्णेन्दु कुमार एके एसोसिएट से जुड़े हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2015 में सरकार के 396 करोड़ रुपए सृजन महिला विकास समिति के खाते में ट्रांसफर किया था। सीबीआई ने उनकी जमानत का पुरजोर विरोध किया। आरोपित के खिलाफ साक्ष्य पाते हुए सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।