मैसुरु, । कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शनिवार को कहा कि उनके मन में संतों का बहुत सम्मान है। उन्होंने कभी भी उनके खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से मठ -मंदिर के स्वामीजी का बहुत सम्मान करता हूं। मैंने कभी भी स्वामीजी को लेकर कोई बात नहीं की, न ही उनका अपमान किया।
मैंने स्कार्फ के बारे में बात की और कभी हिजाब का उल्लेख नहीं किया। मैंने परीक्षा के बारे में बात की और कहा कि छात्राओं को दुपट्टा पहनने की अनुमति देनी चाहिए। शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि हिंदू महिलाएं और यहां तक भी संत भी अपने सिर को कपड़े से ढंकते हैं। अगर मुस्लिम छात्राएं कक्षाओं में अपने सिर को शाल से ढक लें तो आपको क्या दिक्कत है। उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई। इसके बाद उन्होंने सफाई दी है।
कर्नाटक में मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्य ने राज्य में मदरसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘मैं कांग्रेस नेताओं से पूछता हूं कि हमें स्कूलों के बजाय मदरसों की आवश्यकता क्यों है? वे मदरसों में क्या प्रचार करते हैं? कल, वे हमारे देश के खिलाफ जाएंगे और वे कभी भारत माता की जय नहीं कहेंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘वे मदरसों में इस तरह के पाठ पढ़ा रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मदरसों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि मदरसों को या तो बंद कर देना चाहिए या मदरसों में उसी पाठ्यक्रम को लागू करना चाहिए, जिनके तहत अन्य स्कूलों में पढ़ाई होती है।