भले ही महामारी के दौर से लोग जूझ रहे हों, इसमें बढ़ोत्तरी बदस्तूर जारी है। इसके बावजूद त्योहारी खुमारी लोगों के सिर चढ़कर बोल रही है। हो भी क्यों न होली के हुड़दंग और बाजार के बनारस पूरे पूर्वांचल का प्रमुख केंद्र है। रंगों के पर्व की तैयारी लोगबाग कोरोना को दरकिनार कर चुके हैं और उत्साह, आनंद के रंग में सराबोर हो गये हैं। बाजार बम-बम हो गये हैं और कपड़े से लेकर रंगों तक की खरीददारी जमकर हुई। तरह-तरह की पिचकारी, गुलाल के साथ विविध परिधान, जूते-चप्पल सहित हर चीज की जमकर बिक्री जारी है।
बाजार में हर चीजें उपलब्ध हैं और खरीददारों की भीड़ हर ओर हो रही है। शनिवार को बाजार अपनी रंगत में रहा। गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक, नई सड़क, गुरुबाग, लक्सा, रथयात्रा, सिगरा, मलदहिया, लहुराबीर, पिपलानी कटरा, मैदागिन, लंका सहित विभिन्न स्थानों पर रंग और पिचकारियों के अस्थाई दूकानों की भरमार रही। यहां मोदी की पिचकारी तो योगी और ममता के गुलाल की धूम रही। प्रभु श्रीराम के साथ भूत-प्रेत और कार्टून के किरदारों को भी मुखौटे के रूप में लोगों ने खूब पसंद किया। इनकी जमकर बिक्री हुई। इसके अलावा विविध प्रकार की प्लास्टिक और स्टील आदी की पिचकारी भी लोगों को पसंद आई। गुलाल और विविध प्रकार के रंग तथा इनकी विभिन्न वैरायटी ने भी मार्केट में अपनी हनक दिखाई। इसकी लोगों ने खरीददारी की और बच्चों के डिमांड के अनुसार उन्हें रंग दिलाये।
कपड़े और जूते-चप्पल की जमकर बिक्री
होली पर कपड़े और जूते-चप्पल की खरीददारी के लिये पूरे दिन बाजारों में भीड़ लगी हुई थी। हथुआ मार्केट, गोदौलिया, सिगरा सहित अन्य स्थानों पर लोगों ने परिवार के साथ जमकर अपने पसंद के सामान लिये और इनकी अदला-बदली भी चली। इसके अलावा माल्स और शापिंग कांप्लेक्स भी लोगों से पटे रहे और इसी कारण कई स्थानों पर पार्किंग के कमी के कारण जाम की स्थिति बनी हुई थी।
दूध, राशन और मेवे की दूकानों पर रौनक
पर्व पर विविध व्यंजन और अतिथियों को खाने-खिलाने के शौकिनों के कारण शनिवार को लोगों ने राशन, मेवा, मसाले और दूध की सामग्री के सामान लिये और बुकिंग भी की। इस दौरान विशेश्वरगंज और गोला के बाजार में ग्राहकों की भीड़ पूरे दिन लगी हुई थी। सायंकाल मार्केट की बंदी की आशंका में बाहर से आये खरीददारों ने थोक में जरूरी सामान लिये और देर रात तक विभिन्न स्थानों पर लौटे।