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उत्तरी सीमा पर चीन दे रहा चुनौती लेकिन सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम सीडीएस अनिल चौहान –


पुणे, । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में चुनौतियां  खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन कुछ समय में चीजें ठीक हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति अब उग्रवाद से संबंधित नहीं है। अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर में तीन मई को शुरू हुए जातीय दंगों में मरने वालों की संख्या 80 हो गई है।

सेना और असम राइफल्स को 2020 से पहले मणिपुर में किया गया तैनात

सीडीएस चौहान मंगलवार को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने पुणे में थे। इस दौरान मणिपुर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सेना और असम राइफल्स को 2020 से पहले मणिपुर में तैनात किया गया था।

मणिपुर में अब स्थिति उग्रवाद से संबंधित नहीं है। यह दो जातियों के बीच टकराव है और कानून व्यवस्था की स्थिति है। हम इस समस्या में राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं। मैं कहना चाहूंगा कि सशस्त्र बलों और असम राइफल्स ने वहां एक उत्कृष्ट काम किया है और बड़ी संख्या में जान बचाई है। हालांकि, मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, इसमें कुछ समय लगेगा। उम्मीद है कि यह सुलझेगा और वहां की सरकार सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) आदि की मदद से काम करने में सक्षम होगी।

भारत के लिए चुनौती पेश कर रहा चीन

कैडेटों को अपने संबोधन में चौहान ने उत्तरी सीमाओं पर चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) की तैनाती की बात कही। उन्होंने कहा कि यूरोप में युद्ध, उत्तरी सीमाओं पर चीन की पीएलए की तैनाती और पड़ोसी देशों में भू-राजनीतिक संकट है। ये संकट भारत के लिए एक चुनौती पेश करते हैं, लेकिन सशस्त्र बल भारत के दावों की वैधता और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं।

चीनी सेना की तैनाती उत्तरी सीमा पर बढ़ नहीं रही है। भारतीय सेना द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि स्थिति न बिगड़े। हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी। सीमा विवाद को सुलझाना अलग मुद्दा है। जिन इलाकों में हम 2020 से पहले पेट्रोलिंग करते थे, जिन पर हमारा दावा है, वहां यथास्थिति बनानी होगी।