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केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय का फैकल्टी और कर्मचारियों को ‘राष्ट्र-विरोधी’ टिप्पणी से बचने का फरमान


  • कासरगोड,। कासरगोड में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Kerala) ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें उनके फैकल्टी सदस्यों और कर्मचारियों से भड़काऊ या ‘राष्ट्र-विरोधी’ टिप्पणी या बयान नहीं देने को कहा गया है। सर्कुलर में फैकल्टी सदस्यों और कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की भड़काऊ टिप्पणी या बयान देने से परहेज करने के लिए कहा गया है जो राष्ट्र विरोधी है और राष्ट्र के हित के खिलाफ होंगे। केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से ये सर्कुलर विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर के बयान के बाद जारी किया गया है जहां उन्होंने अप्रैल में एक सांस्कृतिक संगठन और एक राजनीतिक दल की आलोचना की थी और आनलाइन कक्षाओं के दौरान केंद्र की COVID-19 टीकाकरण नीति की आलोचना की थी। बाद में विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया था।

तमिलनाडु विधानसभा में सीएए रद करने का प्रस्ताव पारित

तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 को रद करने और एकता एवं सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा करने तथा संविधान में निहित पंथनिरपेक्ष सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया है। सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला तमिलनाडु आठवां राज्य बन गया है। प्रस्ताव पेश करने से पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एवं नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर से संबंधित अपनी पहलों पर भी पूरी तरह विराम लगा देना चाहिए।