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- फल्गु में तर्पण कर पितरों को किया तृप्त
- पितृ मंत्रोंच्चारण से गूंज रहा फल्गु तट
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गया। त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध के अंतर्गत पितृपक्ष के सातवे दिन सोमवार को पूर्वजों के अमृत प्राप्ति के लिए पिंडदानी विष्णुपद प्रांगण स्थित सोलहवेदी के चार स्तंभों पर खोवाका पिंड अर्पित कर पितरों के अमृत प्राप्ति की कामना की। सोलहवेदी में स्थित गणेश पद, क्रौंच पद, अगस्त पद, कार्तिक पद एवं सूर्य पद के पांच स्तंभों पर खोवा से बने पिंडो को चिपका कर भगवान विष्णु के चरण चिन्ह पर अर्पित किया। यहां पिंडदान एवं कर्मकांड करने वाले पिंडदानियों की संख्या बहुत अधिक थी। ऐसे में जगह कम पड़ गई। कई पिंडदानियों को जगह की कमी के कारण परेशानी उठानी पड़ी।
गया तीर्थ पुरोहित निरंतर इन वेदियो पर कर्मकांड करवा रहे थे। पूरी तन्मयता के साथ अपने-अपने पितरों की मुक्ति की कामना को लेकर पुरोहितों द्वारा बताए गए विधि से कर्मकांड कर पितरों का उद्धार किया। यहां पर कोई पिता के लिए तो कोई माता व अन्य परिजनोंके मोक्ष की कामना कर रहे थे। सोमवार को विधान होने के कारण विष्णुपद मंदिर का कोना कोना पिंडदानियोंसे पट गया था। मंदिरके चारों ओर तीर्थ यात्रियों का हुजूम दिखाई पड़ा जगह की कमी होने के कारण कई लोग छत पर पिंडदान करते देखे गए। पितरों के अमृत प्राप्ति के लिए त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध करने वाले पिंडदानियो ने अपने पितरों के निमित्त तर्पण कर उनके गति होने की कामना भगवान विष्णु से की।
इधर फल्गु तट पर बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के पिंडदानी तर्पण के लिए जुट रहे हैं। पहले सुबह से लेकर देर शाम तक फल्गु नदी में पितृ अनुष्ठान का सिलसिला जारी है। फल्गु नदी का देवघाट विष्णुपद मंदिर प्रांगण में पितृ मंत्रोंच्चारण की गूंज सुनाई पड़ रही है। पितृपक्ष में उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान, झारखंड हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आए हैं। पिंडदान को आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सुविधा मुहैया कराई जा रही है।