अमित शाह ने कहा कि पुलिसबलों के प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों का प्रयोग समय की मांग है, लेकिन इसी के साथ बेसिक पुलिसिंग पर भी फोकस होना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण में बदलाव लाना होगा। गृह मंत्री ने प्रशिक्षण में सख्ती और संवेदनशीलता दोनों पर जोर दिया। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है।
उन्होंने कहा कि अपेक्षाओं को पूरा करने, कर्तव्यबोध और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रभावी प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ पुलिसकर्मियों पर आनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रभाव की समीक्षा भी की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किए गए मिशन कर्मयोगी के तहत कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और डीएसपी स्तर तक पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षिण में संपूर्णता (होलिस्टिक अप्रोच) पर ध्यान देना चाहिए। बैठक के दौरान प्रशिक्षण संस्थानों ने सही समय पर सही प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान हाइब्रिड लर्निग, ट्रेनिंग के बदलते तरीकों और तकनीकों पर भी चर्चा हुई।
बैठक की अहम बातें
– 60 प्रतिशत प्रशिक्षण सबके लिए समान और 40 प्रतिशत बल-आधारित होना चाहिए
– देशभक्ति, फिटनेस, अनुशासन और संवेदनशीलता का जज्बा पैदा करने की जरूरत
– तकनीक के प्रयोग के साथ बेसिक पुलिसिंग को भी उसे प्रैक्टिस में लाना चाहिए
बैठक में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अकादमी, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अकादमी, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) अकादमी, राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), उत्तर पूर्व पुलिस अकादमी, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), भोपाल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने भाग लिया।