गोरखपुर। उत्तर प्रदेश का गोरखपुर इन दिनों देश भर में हो रही जाली नोटों की सप्लाई का हब बन गया है। बिहार और गोरखपुर से ही देश भर के शहरों में जाली नोटों की खेप पहुंचाई जा रही है। इसका खुलासा तो बीते दिनों कैंट पुलिस ने दो एजेंटों को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार करके ही कर दिया था, लेकिन अभी बीते 13 जुलाई को ग्वालियर पुलिस ने सिवान बिहार निवासी मोहम्मद युसूफ को भी उसके एक अन्य साथी के साथ आगरा में एक लाख रुपए से अधिक के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। युसूफ ने पुलिस के सामने जो खुलासे किए, वो बेहद चौकाने वाले हैं। पूछताछ में यूपी के गोरखपुर और सिवान बिहार से नकली नोटों की सप्लाई पूरे देश में होने की बात सामने आई है। इसमें बिहार निवासी राजन तिवारी नाम का सप्लायर और युसूफ गोरखपुर से पूरे देश में जाली नोट सप्लाई कर रहे हैं। इस मामले में बीते एक हफ्ते के अंदर ग्वालियर, वारंगल तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और यूपी के आगरा से हुई जाली नोटों के सप्लायरों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों और बरामदगी के बाद कई राज्यों की पुलिस के साथ ही एनआईए, आईबी और एटीएस भी पूरी तरह चौकन्नी हो गई। यही वजह है कि आईबी सहित कई अन्य टीमों ने गोरखपुर शहर में डेरा डाल रखा है। लखनऊ से आई आईबी टीम यहां कैंट पुलिस से नकली नोटों के संबंध में भी जानकारी जुटा रही है। जबकि एक अन्य टीम इस नेटवर्क की कड़ी जोडऩे बिहार पहुंच चुकी है। बीते 3 जुलाई को कैंट इलाके के इंजीनियरिंग कॉलेज चौकी पुलिस ने जाली नोटों के कारोबार से जुड़े दो तस्करों को इंजीनियरिंग कॉलेज इलाके से पकड़ा था। इनमें से पुलिस ने पहले एक आरोपित को रानीडिहा दिव्यनगर मोड़ से पकड़ा। उसके पास से 200 रुपए के 11 जाली नोट बरामद हुए। वह फल की दुकान पर जाली नोट चला रहा था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके सिंघडिय़ा स्थित किराए के कमरे से उसके दूसरे साथी को भी पकड़ लिया।उसके पास से 200 और 100 रुपए के जाली नोटों की एक- एक गड्डियां बरामद हुई थी। इनमें एक गोरखपुर जिले के बांसगांव इलाके का रहने वाला फकरूदृीन, जबकि दूसरा बिहार सिवान का रहने वाला दिलशेर था। वहीं, इन तस्करों को बिहार का रहने वाला राजन तिवारी नाम के शख्स द्वारा नोटों की सप्लाई देने की बात भी सामने आई थी। वहीं,एनआईए ने सरीफुल इस्लाम (34) नाम के शख्स को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। सरीफुल पश्चिम बंगाल में जिला मालदा का रहने वाला है। एनआईए की जांच से पता चला है कि इस्लाम फरार आरोपी सद्दाम सेख और हकीम शेख, जो बांग्लादेश के निवासी हैं। वह अपने साथियों के साथ कर्नाटक से इस गोरखधंधे को अंजाम दिया करता था। अब एनआईए फरार बांग्लादेशी सप्लायरों की तलाश कर रही है। जबकि शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सरीफुल के तार भी बिहार के सिवान और गोरखपुर के तस्करों से जुड़े हैं। अब एनआईए ने इस कड़ी को जोड़ते हुए गोरखपुर और बिहार के सिवान तक पड़ताल शुरू कर दी है। 13 जुलाई को ग्वालियर पुलिस ने बदनापुरा निवासी रोहन बेडिय़ा नाम के एक व्यक्ति को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। जिससे पूछताछ में पता चला कि नोट आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम निवासी उसके दोस्त रूसी करकुल्ला ने दिए हैं। इसके बाद ग्वालियर पुलिस ने उसे लोकेट करते हुए वारंगल स्टेशन तेलंगाना पर जीआरपी की मदद से पकड़ लिया। उसके पास से 3 लाख 60 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। खुलासा हुआ कि नोट उसके दोस्त जो कि येलमन चिली विशाखापटनम में रहता है, उसने दिलवाये थे। उसने काफी सारे जाली नोट मुंबई के मार्केट में सप्लाई कर दिए हैं और कुछ नोट उसके घर आंध्र प्रदेश रखे हैं। जबकि दूसरी टीम पुलिस रूसी करकुल्ला को लेकर आंध्र प्रदेश रवाना हुई। वहां उसके घर से 28 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए। यहां रूसी ने बताया कि यह नोट उसे उसका दोस्त विशाखापटनम निवासी प्रसाद देता था। पुलिस प्रसाद के घर पहुंची तो पता लगा कि वह हैदराबाद गया है। वहां से नागपुर फिर मुम्बई जाने का पता लगा। लास्ट लोकेशन मिली कि वह आगरा में नकली नोट की नई डील करने के लिए निकला है। उसके साथ में सिवान बिहार निवासी मोहम्मद युसूफ भी है। इसके बाद आगरा में सिकंदरा हाइवे पर प्रसाद और मोहम्मद को पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। दोनों के बैग की तलाशी ली तो एक- एक लाख रुपए के नकली नोट एक बरामद हुए। जिनमें 100, 200, 500 रुपये के नकली नोट बड़ी मात्रा में बरामद हुए। आरोपितों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि युसूफ गोरखपुर के कैंट इलाके के रानीडिहा में किराए का कमरा लेकर रहता था। उसने गोरखपुर यूपी एवं सिवान बिहार से नकली नोट मिलने और उनको दिल्ली, मुम्बई, आगरा, ग्वालियर, आन्ध्रप्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करने की बात कुबूली है। पकड़े गए तीनों आरोपियों रूसी करकुल्ला, प्रसाद व मोहम्मद युसूफ से पता लगा कि इंटरस्टेट रैकेट का मास्टर माइंड राजन तिवारी निवासी सिवान बिहार है। जो अभी पुलिस के हाथ नहीं आया है। वही नोट लाकर इन्हें देता था। 40 हजार रुपए में 1 लाख रुपए के नकली नोट मिलते थे।